भारत के बराबर है यह इस्लामिक मुल्क मगर आबादी महज 2 करोड़, हर इंसान है जमींदार!


ये दुनिया विविधता से भरी हुई है. इसमें एक से बढ़कर एक खूबसूरत मुल्क हैं. हर एक मुल्क की अपनी विशेषता है. आज एक ऐसे ही मुल्क की कहानी जो साइज में करीब-करीब भारत के बराबर है जबकि वहां की आबादी महज दो करोड़ है. यानी अपने भारत की आबादी से करीब-करीब 70 गुना कम. यहां का एक हर एक इंसान हजारों एकड़ जमीन का मालिक है. दरअसल, हम जिस अनोखे और अद्भुत मुल्क की बात कर रहे हैं उसका नाम है कजाकिस्तान. यह मध्य एशिया का मुल्क है और यहां की बहुसंख्यक आबादी मुस्लिम है. इसकी भौगोलिक स्थिति और ऐतिहासिक धरोहर शानदार है.

आज इस मुल्क के बारे में बात करने की कोई खास वजह नहीं है. बल्कि हम इसकी चर्चा केवल इसकी अपेक्षाकृत बेहद कम आबादी की वजह से कर रहे हैं. इस मुल्क का क्षेत्रफल 26.99 लाख स्क्वायर वर्ग किमी है. वहीं अपने देश भारत का क्षेत्रफल 32.87 लाख वर्ग किमी है. यानी साइज में कजाकिस्तान, भारत से करीब साढ़े पांच लाख वर्ग किमी छोटा है. भारत में प्रति वर्ग किमी 488 लोग रहते हैं वहीं कजाकिस्तान में प्रति वर्ग किमी केवल आठ लोग रहते हैं. इस मुल्क की कुल आबादी केवल दो करोड़ है. इसमें से आधे से अधिक यानी करीब 55 फीसदी आबादी शहरी क्षेत्रों में रहती है.

लैंडलॉक कंट्री
बड़े-बड़े रेगिस्तानों, पर्वतों, घाटियों और घने जंगलों से बने इस मुल्क की एक ही सबसे बड़ी शिकायत है. प्रकृति ने इसे हर चीज दी है. लेकिन इसे समंदर का किनारा नहीं दिया है. यह दुनिया का सबसे बड़ा लैंडलॉक कंट्री है. जहां तक आधुनिक कजाकिस्तान की बात है तो यह 1991 तक सोवियत संघ का हिस्सा था. सोवियत संघ के विघटन के बाद यह एक स्वतंत्र मुल्क बना.

कजाकिस्तान मध्य एशिया का एक सबसे अमीर मुल्क है. यहां प्रति व्यक्ति आय सालाना 14,569 अमेरिकी डॉलर है. भारतीय रुपये में यह रकम 12 लाख रुपये से अधिक है. यानी यहां का हर व्यक्ति हर माह करीब एक लाख रुपये कमाता है. इस मुल्क के पास भरपूर प्राकृतिक संसधान हैं. तेल और गैस आधारित इस देश की अर्थव्यवस्था ने बीते दो दशकों में काफी प्रगति की है. भारत की बात करें तो अपने यहां प्रति व्यक्ति आय करीब 2400 अमेरिकी डॉलर सालाना है. रुपये में यह रकम करीब 1.85 लाख है. यानी आय के मामले में कजाकिस्तान हमसे काफी आगे है.

जमींदारों का मुल्क
हम कजाकिस्तान को जमींदारों का मुल्क इसलिए कह रहे हैं क्योंकि यहां की 75 फसीदी जमीन खेती योग्य है. मौजूदा वक्त में यहां 37 फीसदी भूमि पर खेती होती है. यहां सरकार सबसे बड़ी जमींदार है. खेती की सारी जमीनें उसके पास है और वह किसानों और कंपनियों को लीज पर ये जमीनें देती है. मजेदार बात यह है कि कजाकिस्तान की सरकार ने यहां की खेती की जमीनों को विदेशियों के हाथों बेचने पर प्रतिबंध लगा रखी है.

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