क्या महाबली हनुमान जी ने आत्महत्या करने की सोची थी? गौर गोपाल दास ने सुनाई रोचक कहानी – India TV Hindi


Image Source : INDIA TV
‘आप की अदालत’ में मोटिवेशनल स्पीकर गौर गोपाल दास।

Aap Ki Adalat: इंडिया टीवी के चर्चित शो ‘आप की अदालत’ में मोटिवेशनल स्पीकर गौर गोपाल दास ने कई विषयों पर खुलकर बात की। वहीं आप की अदालत में India Tv के एडिटर इन चीफ रजत शर्मा के सवालों का भी उन्होंने सामना किया। इस दौरान मोटिवेशनल स्पीकर गौर गोपाल दास से जब ये पूछा गया कि क्या उन्होंने ये कहा था कि महाबली हनुमान जी ने आत्महत्या की बात सोची थी? इस सवाल का भी गौर गोपाल दास ने ‘आप की अदालत’ शो में जवाब दिया।

क्या डिप्रेशन का शिकार हो गए थे हनुमान जी?

इंडिया टीवी के एडिटर इन चीफ रजत शर्मा ने गौर गोपाल दास से कई सवाल किए, जिनके सुलझे हुए जवाब मिले। उनसे जब पूछा गया कि ‘हमारे यहां हनुमान जी को शक्ति का पुंज माना जाता है और आप कहते हैं कि हनुमान जी को डिप्रेशन हो गया था, आप कहते हैं कि हनुमान जी ने आत्महत्या करने के बारे में सोचा?’ इस सवाल पर गौर गोपाल दास ने जवाब देते हुए कहा, ‘महाबली हनुमान जी को ऐसा मैंने नहीं दर्शाया है, ऐसा महर्षि वाल्मिकी जी ने दर्शाया है। वाल्मिकी महर्षि ने इस बात को लिखा हुआ है, संस्कृत श्लोक में।’  

किस वजह से मायूस हो गए हनुमान जी?

गौर गोपाल दास ने एक रोचक किस्सा सुनाते हुए कहा, ‘हनुमान जी जब बैठे हुए थे और मां सीता मिलीं नहीं, तो वह मायूस हो गए थे। वह डिप्रेश हो गए, क्योंकि इतनी कोशिश करने के बाद भी जो चाह रहे थे वो मिला नहीं। हनुमान जी बैठे हुए थे और मायूस हो गए। सोचा कि मुझे अब आत्महत्या करना चाहिए। क्योंकि वह सोचने लगे किस मुंह से जाऊं प्रभु श्रीराम के पास? किस मुंह से जाऊं सुग्रीव के पास, जिन्होंने ये काम मुझे सौंपा था?’ गौर गोपाल दास जी ने कहा कि संस्कृत श्लोक में आत्महत्या का वर्णन भी है कि समंदर में डूब के मरूं या आग लगाकर मरूं? ये मेरी कहानी नहीं है। मैंने किसी को बहलाया फुसलाया नहीं है।

मायूस होने के बाद क्या किए महाबली हनुमान?

उन्होंने कहा कि महाबली हनुमान हमेशा महाबली रहेंगे। वो महाबली इसलिए नहीं हैं कि पहाड़ उठा लिया, वो महाबली इसलिए हैं क्योंकि उन्होंने खुद को उठाया। गौर गोपाल दास ने आगे बताया, ‘हनुमान जी जब बैठे हुए थे तो एक बार फिर सोचा, अपनी जान देकर मैं क्या ही हासिल कर लूंगा। कोशिश करूं तो हो सकता है। इसके बाद उन्होंने अपनी आंखें उठाई और सोचा कि अशोक वाटिका में तो मैंने खोजा ही नहीं। और जब वहां गए तब मां सीत मिल गईं।’

यहां देखें आप की अदालत का पूरा शो-

यह भी पढ़ें- 

Aap Ki Adalat: मोटिवेशनल स्पीकर गौर गोपाल दास ने रील बनाने वालों को सफलता के 4 गोल्डन टिप्स दिए, डिप्रेशन से बचने को कहा

आप की अदालत: अपने पिता से बात क्यों नहीं करते थे गौर गोपाल दास? खुद बताई वजह और सुनाया किस्सा

Latest India News





Source link

Thank you for your time.
signature
Tags

What do you think?

Your email address will not be published. Required fields are marked *

No Comments Yet.