धर्मेंद्र को दिल्ली कोर्ट ने भेजा समन: गरम धरम ढाबे के नाम पर धोखाधड़ी का आरोप, 20 फरवरी को होगी अगली सुनवाई


1 घंटे पहले

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धर्मेंद्र और उनके साथ दो लोगों को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने समन भेजा है। यह समन दिल्ली के बिजनेसमैन की दायर की गई शिकायत पर जारी किया गया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि गरम धरम ढाबा की फ्रेंचाइजी मामले में उनके साथ धोखाधड़ी हुई है।

‘गरम धरम ढाबा में इन्वेस्ट करने के लिए मिस गाइड किया’

एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट यशदीप चहल ने बिजनेसमैन सुशील कुमार की शिकायत के बाद समन भेजा है। शिकायतकर्ता का कहना है कि गरम धरम ढाबा में इन्वेस्ट करने के लिए उन्हें मिस गाइड किया गया है।

हाल ही में 89 साल के हुए हैं धर्मेंद्र

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धर्मेंद्र पर धोखाधड़ी का आरोप

जज ने 5 दिसंबर को कहा कि पहली जांच में शिकायतकर्ता ने जो एविडेंस दिए है। उससे पता चलता है कि आरोपी ने अपने फायदे के लिए शिकायतकर्ता को प्रेरित किया और धोखाधड़ी की। अदालत ने आदेश दिया कि धर्मेंद्र और दो अन्य लोगों को धोखाधड़ी की धारा 420, साजिश की धारा 120बी और समान अपराध की धारा 34 आईपीसी के तहत अदालत में पेश किया जाए। अदालत ने ये भी कहा कि गरम धरम ढाबा के लोगो वाले इंटेंट लेटर और बाकी डॉक्यूमेंट से पता चलता है कि लेन-देन में रेस्तरां शामिल था।

गरम धरम ढाबा की फ्रेंचाइजी खोलने का ऑफर दिया- शिकायतकर्ता

पूरा मामला ये है कि शिकायतकर्ता सुशील कुमार से अप्रैल 2018 में धर्मेंद्र के साथ शामिल दो अन्य लोगों ने कांटेक्ट किया था। सुशील को उत्तर प्रदेश के NH24 और NH9 पर गरम धरम ढाबा की फ्रेंचाइजी खोलने का ऑफर दिया था।शिकायतकर्ता को इस बहाने से फ्रेंचाइजी में इन्वेस्ट करने का लालच दिया गया था कि दिल्ली के कनॉट प्लेस और हरियाणा के मुरथल में रेस्तरां की ब्रांच से महीने में लगभग 70 से 80 लाख रुपए का बिजनेस होता है।

प्रॉफिट का दिया था लालच

शिकायतकर्ता का कहना है कि उससे वादा किया गया था कि उसे 41 लाख रुपए इन्वेस्ट करने होंगे और इन्वेस्ट पर सात प्रतिशत प्रॉफिट दिया जाएगा। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि गरम धरम ढाबा फ्रेंचाइजी के मामले में आरोपी के साथ कई बैठकों और ईमेल के बाद, उन्हें 63 लाख रुपए प्लस टैक्स इन्वेस्ट करने और बिजनेस के लिए जमीन की व्यवस्था करने के लिए कहा गया।

पैसे लेने के बाद फोन नहीं उठाया- शिकायतकर्ता

शिकायतकर्ता ने कहा, 22 सितंबर 2018 को एक इंटेंट लेटर पर सिग्नेचर कराए गए। जिसमें बिजनेस की सभी टर्म लिखी थीं। शिकायतकर्ता सुशील ने चेक से करीब 18 लाख की पेमेंट की थी। आरोपियों ने उसे कैश करवा लिया और उसके बाद शिकायतकर्ता से मिलना, उसके फोन उठाना बंद कर दिया। नवंबर 2018 में जमीन खरीदी गई थी, लेकिन कभी भी जमीन का इंस्पेक्शन नहीं किया गया। जिसके कारण शिकायतकर्ता का आरोप है कि उसके साथ धोखाधड़ी की गई है।

बता दें, मामले की अगली सुनवाई 20 फरवरी 2025 को होगी।

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