मॉल और हाई स्ट्रीट मार्केट में रिटेल स्पेस की मांग 5% बढ़ी, इन 8 शहरों में सबसे ज्यादा डिमांड – India TV Hindi
मेट्रो शहरों में रिटेल स्पेश की मांग लगातार बनी हुई है। रियल एस्टेट परामर्श कंपनी कुशमैन एंड वेकफील्ड की रिपोर्ट के अनुंसार, इस वर्ष जनवरी-सितंबर के दौरान प्रमुख 8 शहरों में शॉपिंग मॉल और हाई स्ट्रीट मार्केट में रिटेल स्पेस की लीजिंग में लगभग 5% की वृद्धि हुई। रिपोर्ट के अनुसार, शीर्ष आठ शहरों में श्रेणी ‘ए’ के मॉल और मुख्य रिटेल मार्केट में लीजिंग गतिविधियां जनवरी-सितंबर 2024 के दौरान 55.3 लाख वर्ग फुट थीं, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह आंकड़ा 52.9 लाख वर्ग फुट था। ये आठ शहर दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे और अहमदाबाद हैं।
प्रीमियम रिटेल स्पेस की मांग बढ़ रही
कुशमैन एंड वेकफील्ड के प्रबंध निदेशक (पूंजी बाजार) सौरभ शतदल ने कहा कि भारत की रिटेल प्रॉपर्टी की मांग बनी हुई है। यह मॉल और मुख्य बाजारों, दोनों में मजबूत पट्टा संख्या से देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि विवेकाधीन खर्च में वृद्धि और उपभोक्ता की बदलती प्राथमिकताएं प्रीमियम रिटेल स्पेस की मांग को बढ़ा रही हैं। आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए रियल्टी कंपनी त्रेहान आइरिस के उपाध्यक्ष (पट्टा) आकाश नागपाल ने कहा कि यह वृद्धि खुदरा क्षेत्र में मजबूत सुधार और नए आत्मविश्वास को दर्शाती है।
रिटेल सेक्टर में मजबूत रिकवरी
लखनऊ के लुलु मॉल के महाप्रबंधक समीर वर्मा ने कहा कि प्रमुख शहरों में मॉल लीजिंग गतिविधि में लगातार वृद्धि खुदरा क्षेत्र की मजबूत रिकवरी और विस्तार को बताता है। उन्होंने कहा कि यह पॉजिटिव ट्रेंड विश्व स्तरीय खुदरा अनुभव बनाने के हमारे दृष्टिकोण के अनुरूप है जो हमारे खुदरा भागीदारों के लिए एक संपन्न पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देते हुए उपभोक्ता वरीयताओं को विकसित करते हैं। कुशमैन एंड वेकफील्ड के आंकड़ों के अनुसार, इस साल जनवरी-सितंबर के दौरान हाई स्ट्रीट में रिटेल स्पेस की लीजिंग बढ़कर 3.82 मिलियन वर्ग फीट हो गई, जो एक साल पहले की अवधि में 3.44 मिलियन वर्ग फीट थी। हालांकि, शॉपिंग मॉल में रिटेल स्पेस की लीजिंग 1.85 मिलियन वर्ग फीट से घटकर 1.72 मिलियन वर्ग फीट हो गया। शहरों में, हैदराबाद के प्रमुख हाई-स्ट्रीट स्थानों में खुदरा स्थान की मजबूत मांग देखी गई, जिसमें लीजिंग जनवरी-सितंबर 2024 के दौरान 1.72 मिलियन वर्ग फीट की तुलना में एक वर्ष पहले की अवधि में 1.60 मिलियन वर्ग फीट था।
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