रेपो रेट घटाने से ज्यादा जरूरी महंगाई पर काबू, CRR घटने से रियल्टी बाजार को होगा फायदा: एक्सपर्ट – India TV Hindi
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आज लगातार 11वीं बार रेपो रेट को 6.5% पर बरकरार रखने का फैसला लिया। हालांकि, आरबीआई ने CRR में जरूर 0.50% की कटौती की है। RBI ने कैश रिजर्व रेशियो (CRR) को 4.5 फीसदी से घटाकर 4 फीसदी कर दिया है। इससे बाजार में लिक्विडिटी बढ़ेगी और बैंकों के पास लोन देने के लिए ज्यादा पैसा होगा। इससे मार्केट में कर्ज की आसान उपलब्धता होगी, जो प्रॉपर्टी बाजार के लिए अच्छी खबर है। बात दें कि इस बार बहुत सारे एक्सपर्ट उम्मीद लगाए हुए थे कि जीडीपी की रफ्तार सुस्त होने पर आरबीआई सस्ते लोन का तोहफा दे सकता है लेकिन ऐसा हुआ नहीं। आसमान छूती महंगाई को देखते हुए आरबीआई ने रेपो रेट में कटौती का फैसला नहीं किया। आइए जानते हैं कि रेपो रेट में कटौती नहीं पर रियल्टी के दिग्गजों का क्या कहना है।
इंडियन मार्केट में लिक्विडिटी बढ़ेगी
नारेडको के राष्ट्रीय अध्यक्ष, जी हरि बाबू ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो दर को 6.5% पर बनाए रखने और सीआरआर को 50 आधार अंकों से घटाकर 4% करने का निर्णय, लिक्विडिटी को बढ़ावा देते हुए आर्थिक स्थिरता को बनाए रखने के लिए एक संतुलित दृष्टिकोण है। यह कदम, रियल एस्टेट क्षेत्र की विकास के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि सीआरआर में कमी एक स्वागत योग्य कदम है, क्योंकि यह बैंकिंग प्रणाली में अतिरिक्त तरलता बनेगी, जिससे वित्तीय संस्थानों को प्रतिस्पर्धी दरों पर ऋण प्रदान करने के लिए अधिक लचीलापन मिलेगा। इससे घर खरीदारों को आसानी से लोन मिलेगा जो प्रॉपर्टी की मांग बढ़ाएगा।
सीआरआर में कटौती का फायदा मिलेगा
अंतरिक्ष इंडिया के सीएमडी राकेश यादव ने कहा कि आसमान छूती महंगाई के बीच RBI द्वारा रेपो दर को अपरिवर्तित रखने का निर्णय एक स्वागत योग्य कदम है। इससे महंगाई को काबू करने में मदद मिलेगी। वहीं, CRR को 4.5% से घटाकर 4% करने से बाजार में 1.16 लाख करोड़ रुपये की लिक्विडिटी बढ़ेगी। यह कर्ज की आसान उपलब्धता बढ़ाएगा जो होम बायर्स को फायदा पहुंचाएगा, जिससे व्यक्तियों के लिए घरों जैसी दीर्घकालिक परिसंपत्तियों में निवेश करना आसान हो जाएगा। आवास की मांग मजबूत बनी हुई है, खासकर हाई-एंड और लग्जरी सेगमेंट में। सीआरआर में इस सेगमेंट में और तेजी देखने को मिल सकती है।
रियल एस्टेट निवेश के लिए जरूरी कदम
त्रेहान ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर, सारांश त्रेहान ने कहा कि आरबीआई का रेपो रेट को स्थिर रखने का निर्णय घर खरीदने के लिए किफायती लोन दरें सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण है, जो रियल एस्टेट निवेश को बढ़ावा देने के लिए जरूरी है। यह कदम विशेष रूप से एनसीआर जैसे तेज़ी से बढ़ते क्षेत्रों में आवासीय मांग की मौजूदा गति को बनाए रखने में मदद करेगा। मॉर्गेज दरों को स्थिर कर, यह नीति घर खरीदारों को प्रोत्साहित करती है और रियल एस्टेट सेक्टर की वृद्धि को बनाए रखती है। इसके अलावा, यह महंगाई नियंत्रण और जीडीपी वृद्धि जैसे बड़े आर्थिक लक्ष्यों को भी समर्थन देती है, जिससे बाजार में विश्वास बढ़ाने के लिए यह एक अहम कदम साबित होता है।
गंगा रियल्टी के ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर, विकास गर्ग ने कहा कि RBI द्वारा रेपो रेट को स्थिर रखने का निर्णय स्वागत योग्य है, जो उम्मीदों के अनुसार है। वर्तमान आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए लिया गया एक समझदारी भरा कदम है। महंगाई के नियंत्रण में आने और रियल एस्टेट की मांग बढ़ने के साथ, यह नीति आवासीय क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देगी। यह निर्णय आर्थिक स्थिरता और विकास के बीच संतुलन बनाने की RBI की प्रतिबद्धता को दर्शाता है और रियल एस्टेट सेक्टर में निरंतर प्रगति के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करता है।
रियल एस्टेट बाजार को गति मिलेगी
अवनीश सूद, निदेशक, ईरोस ग्रुप के अनुसार, ब्याज दर की स्थिरता घर खरीदारों का आत्मविश्वास बढ़ाती है और संपत्ति खरीदने की परिस्थिति को अधिक आकर्षक और उचित बनाती है। कोविड के बाद खरीदारों ने बड़े, अधिक भव्य घर खरीदने को प्राथमिकता दी है, ऐसे में स्थिर गृह ऋण संभावित खरीदारों को आवास की बढ़ती लागत के बावजूद कुछ राहत देते हैं। घर खरीदार अभी निर्माणाधीन परियोजनाओं में रुचि दिखा रहे हैं और ऐसे में कम या स्थिर ऋण दरें खरीदारों को अधिक क्रय शक्ति प्रदान करती हैं, जिससे बड़े घरों में निवेश करना आसान हो जाता है।”
हिमांशु गर्ग, निदेशक, आरजी ग्रुप के अनुसार, हमारा यह मानना है कि स्थिर ब्याज दरें रियल एस्टेट क्षेत्र को आवश्यक लाभ प्रदान करती हैं और यह किसी भी बढ़ोतरी से बेहतर है जो बिक्री के आंकड़ों को प्रतिकूल तरीके से प्रभावित कर सकती है। ब्याज दरें स्थिर रहने पर घर खरीदने वाले संभावित दर वृद्धि के बारे में चिंता किए बिना अपना घर खरीदनें की योजना पर आगे बढ़ सकते हैं। ब्याज दरों के प्रभावित होने से निर्माण व्यय भी प्रभावित होता है एवं स्थिर दरें उद्योग के विस्तार में योगदान देती है।”
क्रेडाई पश्चिमी यूपी के सचिव, दिनेश गुप्ता ने कहा कि आरबीआई द्वारा रेपो दर को बनाए रखने के फैसले से निस्संदेह रियल एस्टेट बाजार को उसी गति से आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। डेवलपर्स के पास बढ़ी हुई लिक्विडिटी और वैकल्पिक फंडिंग विकल्पों के कारण बाजार में लग्जरी और मिड-सेगमेंट हाउसिंग की आपूर्ति और मांग में काफी वृद्धि देखी जा रही है। स्थिर दरें घर खरीदारों को ईएमआई में बढ़ोतरी के डर के बिना निवेश करते रहने के लिए प्रोत्साहित करेंगी
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