लेखपाल हत्याकांड: ‘सारा खेल बिगड़ जाएगा… तुम्हारा हम सबका’, कातिल मामा और भांजे की रिकॉर्डिंग से बड़ा खुलासा



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Bareilly lekhpal murder case
– फोटो : अमर उजाला

बरेली के लेखपाल मनीष कश्यप हत्याकांड का पुलिस लाइन सभागार में सोमवार को खुलासा किया गया। पावर प्वॉइंट प्रेजेंटेशन (पीपीटी) के जरिये हत्याकांड से जुड़े साक्ष्य पेश किए गए। हत्या के आरोपी ओमवीर और उसके मामा नन्हे के बीच बातचीत की रिकॉर्डिंग अहम सबूत के रूप में पेश की गई। 

खुलासे पर उठ रहे सवालों पर एसएसपी ने कहा कि बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी से पूरा मामला साफ हो जाएगा।एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि कॉल रिकॉर्डिंग व बैंक खातों की जांच से यह स्पष्ट हो गया है कि मुख्य आरोपी ओमवीर तंगी से जूझ रहा था। 




Bareilly lekhpal murder case Evidence shown through PPT two accused of Manish murder sent to jail

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लेखपाल हत्याकांड: एसएसपी ने किया खुलासा
– फोटो : अमर उजाला

सितंबर में उसके खाते में केवल चालीस रुपये बचे थे। उसने ऑनलाइन एप से उसे भी खर्च कर लिया। बैंक ने पांच रुपये ब्याज दिया जो किसी लोन में कट गया। ऐसे में उसे दुबला-पतला मनीष आसान लक्ष्य नजर आया। उनको उम्मीद थी कि मामला ठंडा पड़ते ही घरवालों से चार-पांच लाख रुपये मांगेंगे। दो से तीन लाख आसानी से मिल जाएंगे। इस बीच वे पकड़ लिए गए।


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लेखपाल हत्याकांड: खुलासे के संबंध में जानकारी देते पुलिस अधिकारी
– फोटो : अमर उजाला

अभी हरकत की तो फंस जाओगे

एसएसपी ने ओमवीर व नन्हे की दो कॉल रिकॉर्डिंग सुनवाईं। हत्या के कुछ दिन बाद हुई ये बातचीत पुलिस ने टेप कर ली थी। ओमवीर ने मनीष का मोबाइल फोन फेंकने के बाद सिम रख लिया था। इसी नंबर से कॉल कर चलती हुई ट्रेन में फिरौती लेने की योजना थी। पांच दिसंबर को यह सिम एक मोबाइल फोन में डालकर देखा गया तो इनकमिंग व आउटगोइंग सब बंद थीं। तब ओमवीर इसे रिचार्ज कराने को उतावला हो गया था। मामा नन्हे झाड़फूंक करता था और खुद पर किसी जिन्न का साया बताते हुए खतरे का जिक्र किया था।


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हत्यारोपी मामा-भांजे
– फोटो : अमर उजाला

मामा नन्हे-भांजे ओमवीर के बीच यूं हुई बातचीत

ओमवीर- हां मामा बात हुई कुछ उसमें या नहीं

नन्हे- उसमें, उस टाइम मना कर दी थी। इस टाइम कुछ नहीं बताएंगे, शाम को बताएंगे।

ओमवीर-अच्छा

नन्हे-दोपहर को कोई नहीं मिलेगा

ओमवीर-अच्छा

नन्हे-हां

ओमवीर-तो रिचार्ज करवाना बेकार है।

नन्हे-रिचार्ज मत करवाओ मर जाओगे

ओमवीर-अच्छा

नन्हे-अभी बचे हुए तब भी हो।

ओमवीर-ये बात तुम्हारी मानेंगे खैर


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लेखपाल मनीष का फाइल फोटो
– फोटो : अमर उजाला

नन्हे-गाली देते हुए पैसा आए-जाए देख लेंगे, सेफ तो बचे हैं।

ओमवीर-हां

नन्हे-देखेंगे, ऐसा मत करना पैसा मत डलवा देना, मोबाइल में

ओमवीर-इसी मारे तुमसे पूछ ली है। ऐसे क्यूं कुछ करेंगेन

न्हे -हां मेरे लाल दिमाग से काम लेना कहीं हिलग गए तो कोई बचाने वाला नहीं होगा।

ओमवीर-न कोई नहीं बचाएगा

नन्हे-इसके बाद आगे कुछ और देखना है। थोड़ी तसल्ली करो।

ओमवीर-अच्छा ये बात मानेंगे।

नन्हे-वो बच जाएंगे, तुम पर धर जाएगा सारा खेल

ओमवीर-अभी तो वे चार फंसे ही हुए हैं




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