“वन नेशन वन इलेक्शन”, जानें कौन-कौन सी पार्टियां कर रहीं विरोध और कौन है समर्थन में? – India TV Hindi


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वन नेशन वन इलेक्शन पर पार्लियामेंट में बोलते भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा।

नई दिल्लीः केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एकसाथ कराने के प्रावधान वाले ‘संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024’ और उससे जुड़े ‘संघ राज्य क्षेत्र विधि (संशोधन) विधेयक, 2024’ को पुन:स्थापित करने के लिए संसद के निचले सदन में रखा है। मगर विपक्ष मोदी सरकार के इस विधेयक के विरोध में है। आइये आपको बताते हैं कि सदन में कौन-कौन सी पार्टियां ऐसी हैं जो “वन नेशन वन इलेक्शन” का विरोध कर रही हैं और कितनी पार्टियां इस बिल के समर्थन में हैं। 

 “वन नेशन वन इलेक्शन” विधेयक का विरोध करने वालों में कांग्रेस पहले नंबर पर है। इसके अलावा समाजवादी पार्टी भी इसके विरोध में है। पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) भी इस बिल के खिलाफ है। वहीं आम आदमी पार्टी (आप) भी  “वन नेशन वन इलेक्शन” की सबसे बड़ी विरोधी है। अन्य विरोधी विपक्षी दलों में राष्ट्रीय जनता दल (राजद), असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM, सीपीई(M) व शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी एनसीपी भी इस बिल के कड़े विरोध में है। वहीं भाजपा के अलावा उसके सभी सहयोग गठबंधन, शिवसेना (शिंदे गुट), जेडीयू, टीडीपी, अपना दल, लोजपा इत्यादि इस विधेयक के पक्ष में हैं। 

बिल के पक्ष में                            बिल के विपक्ष में 

  • भाजपा                                        कांग्रेस
  • जेडीयू                                         सपा
  • टीडीपी                                       आप व एआइआइएम
  • लोजपा                                       टीएमसी
  • अपना दल व अन्य                        आरजेडी व एनसीपी (शरद पवार ग्रुप)

क्या है एक देश एक चुनाव विधेयक

सत्तारूढ़ भाजपा ने बृहस्पतिवार को ‘एक देश, एक चुनाव’ के अपने प्रमुख मुद्दे को लागू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लोकसभा तथा राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने की अवधारणा के क्रियान्वयन के लिए संवैधानिक संशोधन विधेयक को मंजूरी दी थी। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के नेतृत्व वाली एक उच्चस्तरीय समिति ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनावों के साथ-साथ चरणबद्ध तरीके से नगर निकाय और पंचायत चुनाव कराने का भी प्रस्ताव दिया था, लेकिन मंत्रिमंडल ने ‘‘फिलहाल’’ स्थानीय निकाय चुनावों के मुद्दे से दूरी रखने का निर्णय किया है।  भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में इस विचार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की थी।

ये पार्टियां हैं समर्थन में

केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा), जनता दल (यूनाइटेड) और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) जैसे भाजपा के सहयोगी दल इस अवधारणा का समर्थन कर रहे हैं। सूत्रों ने उच्चस्तरीय समिति की सिफारिशों का हवाला देते हुए कहा कि विधेयक में नियत तिथि से संबंधित उप-खंड (1) जोड़कर अनुच्छेद 82ए में संशोधन करने का प्रस्ताव है। इसमें लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के कार्यकाल समापन से संबंधित अनुच्छेद 82ए में उप-खंड (2) शामिल करने का भी प्रस्ताव होगा। इसमें अनुच्छेद 83(2) में संशोधन करने और लोकसभा की अवधि एवं उसे भंग करने से संबंधित नए उप-खंड (3) और (4) सम्मिलित करने का भी प्रस्ताव है। इसमें विधानसभाओं को भंग करने और ‘‘एक साथ चुनाव’’ शब्द को सम्मिलित करने के लिए अनुच्छेद 327 में संशोधन करने से संबंधित प्रावधान भी हैं। 

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