विकृत चेहरे के साथ पैदा हुआ शख्स, सोचता- कोई मुझसे प्यार क्यों करेगा? तभी जिंदगी ने ली करवट और…
दुनियाभर में रोजाना हजारों ऐसे बच्चे पैदा होते हैं, जो किसी न किसी जन्मजात दोष से ग्रसित होते हैं. ऐसे बच्चों का जीवन आसान नहीं होता. ऐसे ही एक शख्स हैं इंग्लैंड के बर्मिंघम के रहने वाले 34 साल के अमित घोष. चेहरे की विकृति के साथ पैदा हुए अमित घोष हमेशा इस बात से चिंतित रहते थे कि उन्हें कभी प्यार नहीं मिलेगा. उन्हें हमेशा महसूस होता था कि उनके इस अजीब से चेहरे को कौन देखेगा और क्यों प्यार करेगा? लेकिन तभी उनकी लाइफ में पियाली की एंट्री हुई और जिंदगी में प्यार के फूल खिल उठे. सोशल मीडिया पर अमित घोष और पियाली की ये लवस्टोरी तेजी से वायरल हो रही है. अमित ने बताया कि साल 2021 के पहले तक मुझे लगता था कि मैं अकेले ही अपनी जिंदगी जीउंगा. लेकिन उसी साल मेरे एक दोस्त ने पियाली से मिलवाया. पहली बार में पियाली ने मुझे रिजेक्ट कर दिया. लेकिन दोस्त के कहने पर मैंने उसे मैसेज भेजना शुरू किया. धीरे-धीरे हमारी कहानी आगे बढ़ने लगी. हमने अपनी पसंद, नापसंद और सपनों के बारे में बात की. जल्द ही, हम मैसेज से वीडियो कॉल पर चले गए…हम अलग-अलग देशों में थे, लेकिन हमें अहसास हो गया था कि हमारे बीच एक कनेक्शन है.
अमित बताते हैं, “मुझे चिंता थी कि लोग मुझे एक व्यक्ति के रूप में आंकने के बजाय मेरी शक्ल-सूरत के आधार पर आंकेंगे. लेकिन जिस क्षण मैंने पियाली को नमस्ते कहा और अपना परिचय दिया, हम एक-दूसरे से घुल-मिल गए.” अमित ने आगे कहा कि वीडियो कॉल पर बातें करना मेरे लिए आसान नहीं था. कई सालों तक अपने विकृत चेहरे की वजह से मानसिक आघात सहना पड़ा. उससे बातचीत के दौरान मैं अपने चेहरे के बाएं हिस्से को ढंक लेता था. लेकिन धीरे-धीरे वो झिझक खत्म हो गई. बात आगे बढ़ी तो पियाली ने अमित से कहा, ‘मेरे माता-पिता से मेरा हाथ मांगो.’ मैं सातवें आसमान पर था, लेकिन मेरे विकृत चेहरे के कारण, उन्होंने मुझे अस्वीकार कर दिया. ऐसे में हमने बात बंद कर दी. आखिरकार 4 दिनों के बाद, उसने कॉल किया और कहा, ‘मैंने मां और पिताजी को मना लिया है. उसने मुझसे कहा ‘मैं तुम्हारे आधे चेहरे से शादी नहीं करने जा रही हूं’, जो मेरे लिए एक निर्णायक क्षण था. बर्मिंघम में अपने पति अमित के साथ रह रहीं मेकअप आर्टिस्ट पियाली कहती हैं, “जब वह अपना पूरा चेहरा छिपाते थे तो मुझे गुस्सा आता था. मैंने उन्हें एक चेहरे के रूप में नहीं देखा, बल्कि हमेशा एक संपूर्ण व्यक्ति के रुप में देखा.”