शोमैन राज कपूर की 100वीं बर्थ एनिवर्सरी: रिद्धिमा ने बचपन में बिताए पलों को याद कर कहा- दादा जी हमारे लिए खुद खाना बनाते थे
4 मिनट पहलेलेखक: वीरेंद्र मिश्र
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इंडियन सिनेमा के शोमैन राज कपूर की 100वीं बर्थ एनिवर्सरी पर रिद्धिमा कपूर ने दैनिक भास्कर से खास बातचीत की। इस दौरान रिद्धिमा कपूर ने अपने दादा राज कपूर के साथ बिताए पलों को याद किया। उन्होंने बचपन की कुछ बेहतरीन यादें शेयर करते हुए कहा कि दादा जी उनके लिए खुद खाना बनाते थे। घर पर अक्सर पार्टियां चलती थीं, लेकिन बच्चों को पार्टी में आने की अनुमति नहीं थी।
हर वीकेंड में दादा जी के साथ रहते थे
रिद्धिमा कपूर ने अपने दादा राज कपूर के साथ बचपन में बिताए पलों को याद करते हूए कहा- वीकेंड में दादा जी के साथ चेंबूर में ही हम अपना समय बिताते थे। शनिवार को सीधे स्कूल से ही दादा जी के पास चले जाते थे और सोमवार को सुबह वहीं से स्कूल भी चले जाते थे। दादा-दादी हमेशा बच्चों को अपने आस-पास पाकर खुश होते थे, जिससे माहौल खुशनुमा हो जाता था।
खाना खिलाने के बहुत शौकीन थे
कपूर खानदान खाने पीने का बहुत ही शौकीन है। रिद्धिमा कपूर कहती हैं- दादा जी को खाना खिलाने का बहुत शौक था। डाइनिंग टेबल पूरा खाने के सामान से भरा रहता था। जिसकी जो मर्जी खाए, लेकिन वो खुद एक अंडा और बहुत ही साधारण खाना खाते थे।
हमारे लिए खुद ही खाना बनाते थे
राज कपूर अपने सभी पोते-पोतियों से बहुत प्यार करते थे। रिद्धिमा कहती हैं- दादा जी हमारे लिए खुद ही खाना बनाते थे। कभी-कभी मैं दोस्तों को भी लेकर आती थी। दादा जी किचन में खुद जाकर अपने हाथ से चीज मैक्रोनी बनाते थे और हमें अपने हाथ से खिलाते भी थे।
कोई मेहमान आता था, तो दादा जी उन्हें अपने हाथ से खाना परोसते थे। आज भी हमारे घर में ऐसी परंपरा है कि बिना खाना खिलाए, किसी भी मेहमान जाने नहीं दिया जाता है।
फ्रीज में चॉकलेट भरा रहता था
राज कपूर के कमरे में आने के लिए बच्चों पर बिल्कुल भी पाबंदी नहीं थी। रिद्धिमा कहती हैं- दादा जी के कमरे में एक छोटा सा फ्रीज था। जिसमें चॉकलेट भरा रहता था। जब भी मन करता था उनके कमरे में चले जाते थे और चॉकलेट खाते थे।
साउथ इंडियन खाना भी हमारा फेवरेट था
राज कपूर कितना भी व्यस्त क्यों ना रहे, लेकिन वीकेंड पर पोते-पोतियों के साथ ही समय बिताते थे। रिद्धिमा ने कहा- अक्सर दादा जी हमें मुंबई स्थिति वाशी के एक क्लब बिग स्प्लैश में भी ले जाते थे।
पूरा दिन वहां खूब मस्ती करते थे। उसके बाद दादा जी हमें माटुंगा में एक साउथ इंडियन रेस्तरां, उडुपी में जाते थे। वहां इडली और डोसा का लुत्फ उठाते थे।
वीकेंड पर प्लेनेटेरियम और अजंता एलोरा भी जाते थे
रिद्धिमा आगे बताती हैं- दादा जी हमें ऐसी जगहों पर घुमाने लेकर जाते थे,जहां पर एंटरटेनमेंट के साथ-साथ कुछ सीखने को भी मिले। दादा जी मुझे और रणबीर को प्लेनेटेरियम, अजंता एलोर गुफाएं दिखाने भी ले जाते थे।
रणबीर के लिए सूट और मेरे लिए टियारा ड्रेस लेकर आते थे
रणबीर कपूर से राज कपूर का ज्यादा लगाव था। रिद्धिमा आगे बताती हैं- दादा जी सभी बच्चों से बहुत प्यार करते थे। मुझे याद है, जब कभी इंटरनेशनल टूर पर जाते थे तो हमारे लिए एक खास ड्रेस लेकर आते थे। रणबीर के लिए सूट और मेरे लिए खास टियारा ड्रेस लेकर आते थे।
पार्टियों में हमें आने की इजाजत नहीं थी
राज कपूर साहब पार्टियों के बहुत शौकीन थे। रिद्धिमा कहती हैं- घर पर आए दिन पार्टी होती रहती थी। कोई ना कोई स्टार पार्टी में रहता ही था। उन पार्टीज में हमें जाने की इजाजत नहीं थी, क्योंकि हम बच्चे थे।
इसलिए हम दूर से नजारा देखते थे। मैं 9 साल की और रणबीर 7 साल का था, जब दादा जी की मृत्यु हुई। बचपन में उनके साथ बिताया एक-एक पल हमें याद है।
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