10 साल में 523 अरब डॉलर का हो जाएगा भारत का टूरिज्म सेक्टर – India TV Hindi
भारत के टूरिज्म सेक्टर का आकार अगले 10 साल में दोगुना होकर 523 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। विश्व यात्रा एवं पर्यटन परिषद (WTTC) की अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) जूलिया सिम्पसन ने यह बात कही है। डब्ल्यूटीटीसी यात्रा और पर्यटन उद्योग के मुद्दों पर सरकारों के साथ काम करती है और इस क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक योगदान पर वैश्विक प्राधिकरण है। सिम्पसन ने कहा, “यात्रा और पर्यटन क्षेत्र भारत में 4.5 करोड़ लोगों को रोजगार देता है और मूल्य के हिसाब से यह दोगुना होने जा रहा है। अगले 10 वर्षों में भारत में यह क्षेत्र 523 अरब डॉलर का हो जाएगा, जो वर्तमान आकार 256 अरब डॉलर से दोगुना से भी अधिक है।”
6.3 करोड़ लोगों को मिलेगा रोजगार
उन्होंने कहा, “10 साल में भारत में पर्यटन क्षेत्र 6.3 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करेगा।” सिम्पसन ने कहा कि भारत दुनिया के सबसे खूबसूरत और अद्भुत देशों में से एक है। सदियों से पर्यटक और आगंतुक इसके तटों और अद्भुत शहरों की ओर आकर्षित होते रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का खुले दिल से स्वागत करता है और भारतीय आतिथ्य अविश्वसनीय है। उन्होंने कहा, “पर्यटन भारतीय अर्थव्यवस्था का लगभग सात प्रतिशत हिस्सा है और 2019 में यह लगभग 211 अरब डॉलर था। अब यह लगभग 256 अरब डॉलर है और भारत में 4.5 करोड़ लोगों को रोजगार देता है।”
समुद्र के नजदीकी इलाकों में आते हैं अधिक टूरिस्ट
वरिष्ठ कार्यकारी ने कहा कि वैश्विक पर्यटन का लगभग 50 प्रतिशत तटीय रिजॉर्ट्स और समुद्र के नजदीकी इलाकों में होता है। लोग समुद्र तटों को देखना चाहते हैं और अद्भुत जल क्रीड़ाओं का आनंद लेना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि, तटीय क्षेत्र मौसम में खतरनाक परिवर्तनों और बढ़ते समुद्री स्तर के मामले में ग्लोबल वार्मिंग के प्रति बहुत संवेदनशील हैं। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूटीटीसी ने हाल ही में तटीय क्षेत्रों की सुरक्षा में मदद करने के उपायों के बारे में एक रिपोर्ट जारी की है। ‘अगर आप मियामी जैसी जगहों को देखें तो वे अपने तटीय क्षेत्र को मजबूत बनाने में बहुत निवेश कर रहे हैं। उनके पास अच्छी चेतावनी प्रणाली हैं और उन्होंने ऐसे इंफ्रास्ट्रक्चर का भी निर्माण किया है जो इन बहुत ही चुनौतीपूर्ण मौसम की घटनाओं का प्रतिरोध करता है।’ सिम्पसन ने कहा, “मैं जानती हूं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वायु प्रदूषण को कम करने की कोशिश करना अपनी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक बना लिया है। उनके नेतृत्व में भारत दुनिया की सबसे उन्नत विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनने जा रहा है।”
(पीटीआई/भाषा के इनपुट के साथ)
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