काजोल-कृति की फिल्म का विवाद पहुंचा थाने: हुड्‌डा खाप ने फिल्म 2 पत्ती को लेकर की मानहानि की शिकायत, 10 नवंबर को हुई थी पंचायत – Rohtak News


फिल्म दो पत्ती पर कार्रवाई की मांग को लेकर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मुलाकात करने पहुंचा सर्व हुड्डा का प्रतिनिधिमंडल।

बॉलीवुड एक्ट्रेस काजोल और कृति सेनन की 25 अक्टूबर को रिलीज हुई फिल्म दो पत्ती का विवाद अब थाने पहुंच गया है। सर्व हुड्‌डा खाप की तरफ से गुरुग्राम के राजेंद्र पार्क पुलिस स्टेशन में शिकायत दी गई है। जिसमें दो पत्ती फिल्म के निर्माताओं, निर्देशक, अभिने

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खाप का कहना है कि 25 अक्टूबर को रिलीज हुई फिल्म दो पत्ती में हुड्डा गोत्र पर टिप्पणी की गई है। इस टिप्पणी को फिल्म से हटवाया जाए और फिल्म निर्माता, निदेशक, अभिनेता और प्रसारित करने वाले OTT प्लेटफॉर्म के कर्ताधर्ता सार्वजनिक माफी मांगें। हुड्‌डा खाप का कहना है कि ‘दो पत्ती’ फिल्म में एक सीन है, जिसमें एक कलाकार कोर्ट में आरोपी बना है, जो कह रहा है, ‘हत्या यह नहीं होती। हत्या तो वह थी जो हमारे पड़ोस में हुड्‌डाज रहते हैं, जिन्होंने सरेआम अपनी बहू को जिंदा जला दिया था।’ खाप को इसी टिप्पणी पर आपत्ति है।

फिल्म पर आपत्ति को लेकर रोहतक में पंचायत करते विभिन्न गांवों के प्रतिनिधि।

10 नवंबर को हुई थी पंचायत

25 अक्टूबर को फिल्म दो पत्ती के OTT प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज होने के बाद रोहतक के गांव बसंतपुर स्थित सर्व हुड्डा खाप के ऐतिहासिक चबूतरे पर 10 नवंबर को पंचायत हुई। इसमें खाप के 45 गांव के प्रतिनिधियों और गणमान्य लोगों ने हिस्सा लिया। इसमें एक उच्च अधिकार प्राप्त समिति का गठन किया गया। सुरेंद्र हुड्डा की अगुआई में समिति सदस्यों ने CM सैनी से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने बताया कि फिल्म दो पत्ती के एक संवाद से जाट समाज के हुड्डा गोत्र को बदनाम किया जा रहा है। इस विवादित मामले को लेकर मुख्यमंत्री नायब सैनी से मुलाकात की गई है। फिल्म में जिस प्रकार से हुड्डा गोत्र को बदनाम करने का षड्यंत्र हुआ है, यह एक आपराधिक मामला है।

खाप ने भेजा नोटिस, मेकर्स जवाब दे चुके

सुरेंद्र हुड्डा ने बताया कि फिल्म रिलीज होने के अगले ही दिन इसके निर्माता, निदेशक, अभिनेता और नेटफ्लिक्स को नोटिस जारी कर दिया था। इसके जवाब में नेटफ्लिक्स और फिल्म निर्माताओं ने कहा है कि जो आरोप नोटिस में लगाए गए हैं, वह घटना फिल्म में हुई है। लेकिन, यह फिल्म निर्माता और अभिनेता की बोलने की आजादी के तहत है, और हुड्डा शब्द का प्रयोग केवल एक संयोग है। सुरेंद्र ने कहा कि देश का कानून किसी की सामाजिक प्रतिष्ठा खराब करने और मान-सम्मान की हानि करने का अधिकार नहीं देता है। फिल्म में प्रसारित विवादास्पद संवाद से समस्त हुड्डा खाप की सामाजिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है। एक षड्यंत्र के तहत ही जाट समाज के हुड्डा गोत्र की मानहानि हुई है।



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