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श्वेता त्रिपाठी
– फोटो : अमर उजाला
अभिनेत्री श्वेता त्रिपाठी ने ‘मिर्जापुर’ सीरीज से अपने आप को अभिनय की दुनिया में एक मजबूती दी। इस शो से उनका किरदार ‘गोलू’ मशहूर हो गया। लोग उन्हें ‘गोलू दीदी’ कहकर भी संबोधित करने लगे। इससे पहले उन्होंने ‘मसान’ में शानदार अभिनय करते हुए सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा था। ‘ये काली काली आंखें’ में भी उन्होंने प्रशंसनीय काम किया। हाल ही में पीटीआई से बातचीत में श्वेता ने खुद के बारे में कई सारे खुलासे किए। अभिनेत्री ने साझा किया कि उन्हें मानदंडों को चुनौती देना पसंद है।
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श्वेता त्रिपाठी
– फोटो : पीटीआई
विद्रोही व्यक्तित्व की हैं श्वेता
अभिनेत्री ने बातचीत में साझा किया कि वह एक हीरोइन के सांचे में फिट नहीं बैठती लेकिन उन्हें मानदंडों को चुनौती देना पसंद है। अभिनेत्री ने कहा, “मेरा व्यक्तित्व विद्रोही है। मैं 5 फीट की हूं, मैं आपकी नायिका के आदर्श में फिट नहीं बैठती, मुझे उन मानदंडों को चुनौती देना पसंद है।”
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श्वेता त्रिपाठी
– फोटो : पीटीआई
पोस्टर देख अभिनेत्री ने खाई ये कसम
अभिनेत्री जो लगभग 30 की हो चुकी हैं। उन्होंने साझा किया कि फिल्मों में उन्हें कैसा काम करना है और कैसा नहीं, यह तब स्पष्ट हुआ जब वह अपने डेब्यू शो “क्या मस्त है लाइफ” पर काम कर रही थीं। अभिनेत्री ने कहा, “मैं हर दिन बांद्रा से मलाड जाती थी और मेरे पास एक कैब ड्राइवर था, जो बहुत अच्छा लड़का था। एक दिन, जब कार लाल बत्ती पर रुकी, तो उसने बाहर देखा और उसकी निगाहें हमेशा की तरह वहां नहीं रुकीं। मैंने मुड़कर देखा कि क्या हो रहा है? बिकनी में तीन महिलाओं के साथ एक फिल्म का पोस्टर था।” अभिनेत्री ने आगे कहा, “… मैंने वहीं खुद से वादा किया कि मैं कभी भी ऐसी नहीं बनना चाहती।”
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श्वेता त्रिपाठी
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बिकनी से नहीं है समस्या
‘मिर्जापुर’ सीरीज में गोलू का किरदार निभाने वाली अभिनेत्री ने इस शो में अपने अभिनय के लिए खूब प्रशंसा बटोरी। उन्होंने साफ किया कि उन्हें बिकनी या स्विमसूट पहनने में कोई समस्या नहीं है। लेकिन उन्होंने कहा, “इस तरह से प्रदर्शित होना कुछ ऐसा है जो मुझे पसंद नहीं आएगा।”
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श्वेता त्रिपाठी
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भावनात्मक कहानियों को कहने में रुचि रखती हैं श्वेता
अभिनेत्री ने अपनी बातचीत में आगे कहा, वह इस बात से खुश हैं कि महिलाओं की इच्छा से जुड़े किरदार और विषय सामने आ रहे हैं। अभिनेत्री ने कहा, “मुझे यह पसंद है कि ‘मसान’ और ‘मिर्जापुर’ जैसी फिल्में हैं, जहां यह महिला की इच्छा के बारे में है… बीना त्रिपाठी (‘मिर्जापुर’ में रसिका दुगल) या देवी (‘मसान’ में ऋचा चड्ढा) जैसे किरदार होना जरूरी है, क्योंकि हम एक बहुत ही प्रगतिशील भूमि और संस्कृति से ताल्लुक रखते हैं। अगर हम अपने पंख काटते रहेंगे, तो यह हर पहलू और हर क्षेत्र में होगा।”
वहीं, अभिनेत्री ने सिनेमा में अपने काम को लेकर कहा, “मुझे लगता है कि मैं कहानी कहने के आनंद का पीछा कर रही हूं, ऐसी कहानियां जो भावनाओं के स्तर को ऊपर उठाती हैं। ताकि जब लोग मेरी कहानी या मेरा किरदार देखें, तो उन्हें कुछ महसूस हो। डैड और मॉम की वजह से, मैं ऐसी कहानियों का हिस्सा बनना चाहती हूं, जो लोगों को प्रभावित करें या उन्हें असहज करे।”