एशिया-पैसिफिक डेफ गेम्स में भारत ने जीते 55 मेडल, खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने किया सभी एथलीटों को सम्मानित – India TV Hindi


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भारतीय एथलीटों को सम्मानित करते डॉ. मनसुख मंडाविया

भारत के केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने सोमवार को कुआलालंपुर से भारतीय टीम की सफल वापसी पर उन्हें सम्मानित किया है। 10वें एशिया-पैसिफिक डेफ गेम्स में 55 पदक जीतने वाली टीम ने 2015 में अपनी पिछली भागीदारी से 11 गुना अधिक पदक जीते हैं। उन्होंने पिछली बार 5 पदक जीते थे। 42 पुरुषों और 26 महिलाओं सहित 68 सदस्यीय भारतीय टीम ने 8 स्वर्ण, 18 रजत और 29 कांस्य पदक जीते और भारत 21 देशों में पांचवें स्थान पर रहा। जो 1984 में इसके पहले सीजन के बाद से टूर्नामेंट में उनका अब तक का बेस्ट प्रदर्शन है।

इन खेलों में रहा भारत का दबदबा

इससे पहले, भारतीय टीम ने ताइवान में 2015 के सीजन में 5 मेडल (2 स्वर्ण, 3 रजत) जीते थे। भारत 23 देशों में से 9वें स्थान पर रहा था। हांगकांग में राजनीतिक अशांति के कारण 2019 का सीजन रद्द कर दिया गया था। केंद्रीय मंत्री ने अपने आवास पर विशेष बातचीत के दौरान कोच और सहयोगी स्टाफ सहित भारतीय टीम को बधाई दी। भारतीय टीम ने एथलेटिक्स में 28 पदक (5 स्वर्ण, 12 रजत, 11 कांस्य) जीते, जो अब तक का उनका सबसे बेस्ट प्रदर्शन है। इसके अलावा भारत ने बैडमिंटन में 6 पदक (3 रजत, 3 कांस्य), शतरंज में 3 पदक (1 रजत, 2 कांस्य), जूडो में 7 पदक (2 स्वर्ण, 5 कांस्य), टेबल टेनिस में 3 पदक (1 रजत, 2 कांस्य) और कुश्ती में 8 पदक (1 स्वर्ण, 1 रजत, 6 कांस्य) जीते हैं।

SAI ने निभाई अहम भूमिका

स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) ने नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम और इंदिरा गांधी स्टेडियम, SAI NCOE सोनीपत और SAI क्षेत्रीय केंद्र लखनऊ में 68 एथलीटों के लिए एशिया-पैसिफिक डेफ गेम्स से पहले अनुशासन-वार प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए। SAI ने मलेशिया में यात्रा और आवास के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान की। जिसके कारण भारतीय एथलीटों के प्रदर्शन में काफी सुधार देखने को मिला।

एशिया-पैसिफिक डेफ गेम्स 2024 में इन एथलीट ने किया शानदार प्रदर्शन

प्रियंगा परमराज एथलेटिक्स में एक प्रमुख एथलीट के रूप में उभरीं, जिन्होंने भारत के स्वर्ण और रजत पदक जीतने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। व्यक्तिगत स्प्रिंट और रिले दोनों ही इवेंट में शानदार प्रदर्शन करने की उनकी क्षमता उनकी बहुमुखी प्रतिभा और सहनशक्ति को दर्शाती है। इसी तरह, रिले इवेंट में रिधम शर्मा के गोल्ड मेडल उनकी टीमवर्क और धीरज को दर्शाते हैं। 400 मीटर हर्डल रेस में उनका रजत पदक तकनीकी रूप से अधिक चुनौतीपूर्ण स्पर्धाओं को संभालने में उनकी कुशलता को दर्शाता है।

विनीथ मणि ने व्यक्तिगत और टीम दोनों ही इवेंट में शानदार प्रदर्शन किया है। जिससे उनकी गति और निरंतरता साबित हुई। 400 मीटर में उनका प्रदर्शन विशेष रूप से उल्लेखनीय रहा, जिससे उन्हें स्वर्ण पदक मिला। सान्या डोंगरे ने भी अपनी स्प्रिंटिंग प्रतिभा का प्रदर्शन किया, महिलाओं की 4 x 100 मीटर रिले में गोल्ड और महिलाओं की 100 मीटर और 200 मीटर दौड़ दोनों में कांस्य पदक जीता, जिससे स्प्रिंट में उनके निरंतर प्रदर्शन को दर्शाया गया।

बैडमिंटन में, जेरलिन अनिका जयराचगन टॉप एथलीट के रूप में उभरीं, उन्होंने चार पदक हासिल किए। मिक्स्ड डबल्स और मिक्स्ड टीम इवेंट में रजत, और महिला सिंगल्स और महिला डबल्स में कांस्य। सिंगल्स और डबल्स इवेंट में उनका प्रदर्शन काफी कमाल का रहा। फ्रीस्टाइल और ग्रीको-रोमन कुश्ती दोनों इवेंट में सुमित दहिया का दबदबा उनकी ताकत, तकनीक और बहुमुखी प्रतिभा का प्रमाण है। उनके दो गोल्ड मेडल उन्हें कुश्ती अनुशासन में सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करने वालों में से एक के रूप में उजागर करते हैं। इसके अलावा जूडो में, मिलनमीत कौर ने अंडर 48 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक और टीम महिला इवेंट में कांस्य पदक जीता, जिसमें उन्होंने व्यक्तिगत और टीम प्रतियोगिताओं में अपने कौशल का प्रदर्शन किया।

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