आरोपियों के स्केच कैसे बनाए जाते हैं? 700 केस सुलझाने वाले स्केच आर्टिस्ट से जानिए इसके बारे में सबकुछ
सूरत: क्या आपने कभी सुना है कि एक इलेक्ट्रॉनिक्स शॉप और मोबाइल रिपेयर करने वाला आदमी स्केच बना कर आरोपी को पकड़ने में मदद कर सकता है? अगर नहीं, तो आज हम आपको ऐसे ही एक व्यक्ति से मिलवाने जा रहे हैं. सूरत के दीपेन जगिवाला, जिन्होंने गुजरात पुलिस को लगभग 700 मामलों में स्केच बनाकर अपराधी पकड़ने में मदद की है, वो एक प्रोफेशनल आर्टिस्ट नहीं हैं, लेकिन जिस तरीके से वो स्केच तैयार करते हैं, उसके चलते कई आरोपी पुलिस द्वारा कुछ ही घंटों में पकड़े जाते हैं. दीपेनभाई द्वारा बनाए गए स्केच पुलिस के लिए एक अहम सबूत की तरह होते हैं.
दीपेनभाई कैसे बने एक स्केच आर्टिस्ट?*
बता दें कि दीपेनभाई, जो B.Sc इलेक्ट्रॉनिक्स के छात्र रहे हैं, उन्होंने पहले कभी ड्राइंग या स्केच नहीं बनाए थे. उन्होंने कोई भी कोर्स नहीं किया और ना ही पुलिस ट्रेनिंग ली है. इतना ही नहीं, उन्होंने कभी मनोविज्ञान (Psychology course) का कोई कोर्स भी नहीं किया ताकि वो शिकायतकर्ता से जानकारी ले सकें. फिर भी, 22 सालों से वो शिकायतकर्ताओं से जानकारी निकाल कर स्केच बनाते आ रहे हैं और इसी आधार पर अपराधियों को गिरफ्तार भी किया गया है. कई बड़े अपराधों में उनके द्वारा बनाए गए स्केच और अन्य अहम सबूतों के आधार पर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. अधिकतर मामलों में, उन्होंने 30 मिनट से 4 घंटे के बीच में स्केच बनाए हैं.
बिना किसी ट्रेनिंग के बने स्केच आर्टिस्ट
लोकल 18 से बात करते हुए, दीपेन जगिवाला ने कहा, “मैं पिछले 22 सालों से पुलिस विभाग के लिए स्केच आर्टिस्ट के रूप में काम कर रहा हूँ. मैं पिछले कई सालों से पुलिस विभाग से तकनीकी कारणों से जुड़ा हुआ था. मैं मोबाइल फोन रिकॉर्डिंग उपकरण (mobile phone recording device) बना रहा था. एक बार आरोपी के स्केच बनाने की आवश्यकता पड़ी और उस समय कोई स्केच आर्टिस्ट नहीं था. मैंने खुद इसे आजमाया और सफल हो गया. फिर मैंने कई मामलों में काम किया और अब तक 700 से अधिक अपराधों के आरोपियों के स्केच बना चुका हूँ.”
दीपेन जगिवाला ने कहा, “मैंने सूरत और अहमदाबाद बम धमाके मामलों, जयंति भानुशाली हत्या केस, सूरत 2008 गैंगरेप केस, सूरत 2022 गैंगरेप केस, जामनगर गैंगरेप, भावनगर बोतद में नाबालिग बेटी के साथ बलात्कार केस, पिछले साल मुंद्रा पोर्ट पर 24 हजार करोड़ रुपए का ड्रग केस, साथ ही NIA और ATS मामलों में स्केच बनाए हैं. हाल ही में वडोदरा के भायला पुलिस स्टेशन के गैंगरेप केस, कोसांबा गैंगरेप केस, पावागढ़ मंदिर में चोरी, व्यारा में ATM चोरी, और हाल ही में पार्टी पुलिस स्टेशन के बलात्कार और हत्या केस में भी स्केच बनाए हैं. जब आरोपी को sketch के आधार पर पकड़ा जाता है, तो उसमें और मेरे sketch में 80 प्रतिशत समानता होती है.”
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दीपेन जगिवाला ने ये भी बताया, “जो लोग जानकारी लेकर स्केच बनवाते हैं, वो अक्सर कहते हैं कि घटना कुछ सेकंड्स में हुई या अंधेरा था और हमें याद नहीं. इसके अलावा, कभी-कभी पीड़िता एक छोटी लड़की से लेकर बुजुर्ग तक हो सकती है. उनका विवरण बड़ी धैर्य और शांति से लिया जाता है. कभी-कभी ऐसा भी होता है कि आरोपी को सह-आरोपी के बारे में जानकारी लेकर स्केच बनवाने होते हैं. फिर यह सुनिश्चित करना पड़ता है कि आरोपी गुमराह नहीं कर रहा है.
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FIRST PUBLISHED : December 15, 2024, 14:54 IST