‘द साबरमती रिपोर्ट’ देखकर भावुक हुए थे PM मोदी: विक्रांत मैसी बोले- उन्हें फिल्म पसंद आई, हमारी आंखें भी नम थीं


34 मिनट पहले

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विक्रांत मैसी ने खुलासा किया है कि फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ को देखते वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भावुक हो गए थे। उन्हें फिल्म की कहानी भी पसंद आई थी।

विक्रांत ने कहा- पीएम मोदी को फिल्म पसंद आई। फिल्म की स्क्रीनिंग के टाइम जितना मैं भावुक था, शायद वो भी उतने ही भावुक थे। उनकी आंखें नम थीं। इस बात की तसल्ली है कि हमारा सही प्रयास था कि हमने लोगों तक वो बात पहुंचाई जो 22 साल पहले घटी थी।

विक्रांत बोले- PM ने मेरी तारीफ की

टाइम्स नेटवर्क इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव 2024 को दिए इंटरव्यू में विक्रांत ने आगे कहा- पीएम मोदी ने मुझे बताया कि उन्हें मेरा काम बहुत पसंद आया। यह एक ऐसी तारीफ है जो मेरे साथ जीवन भर रहेगी। उन्हें लगता है कि मैं एक अच्छा एक्टर हूं। मैं अपने पोते-पोतियों को भी यह बात बताऊंगा।

पीएम ने ‘द साबरमती रिपोर्ट’ देखकर मेकर्स की तारीफ की थी

विक्रांत मैसी स्टारर द साबरमती रिपोर्ट 15 नवंबर को रिलीज हुई थी। पीएम नरेंद्र मोदी ने 2 दिसंबर को फिल्म देखी थी। संसद के बालयोगी ऑडिटोरियम में फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग रखी गई थी। फिल्म देखने गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई मंत्री-सांसद और एक्टर्स भी पहुंचे थे।

स्क्रीनिंग के बाद PM मोदी ने अपने एक्स हैंडल पर फिल्म के मेकर्स की तारीफ की थी। उन्होंने लिखा था- ‘द साबरमती रिपोर्ट’ की स्क्रीनिंग में साथी एनडीए सांसदों के साथ शामिल हुए। मैं फिल्म के मेकर्स का उनके प्रयासों के लिए सराहना करता हूं।’

विक्रांत ने कहा था- प्रधानमंत्री के साथ फिल्म देखना मेरा सौभाग्य है

PM मोदी के साथ फिल्म देखने के बाद एक्टर विक्रांत मैसी ने मीडिया से बात की थी। उन्होंने कहा था- आज माननीय प्रधानमंत्री जी के साथ और बाकी कैबिनेट मंत्रियों के साथ फिल्म देखने का एक अलग ही अनुभव था। मैं शायद इसे शब्दों में बयां नहीं कर पाऊंगा। बहुत खुशी है कि इन सबके साथ फिल्म देखने का मौका मिला। माननीय प्रधानमंत्री जी के साथ फिल्म देखना मेरे करियर का हाईएस्ट पॉइंट है।

गुजरात दंगों पर आधारित है फिल्म

‘द साबरमती रिपोर्ट’ 2002 गोधरा कांड और उसके बाद हुए गुजरात दंगों पर आधारित है। जिस समय यह घटना हुई, उस वक्त नरेंद्र मोदी गुजरात के CM थे। मोदी पर यह आरोप भी लगे कि उन्होंने दंगों को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए। हालांकि बाद में उन्हें क्लीन चिट दे दी गई थी।



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