Amazon-Flipkart की बढ़ी मुश्किल! ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा CCI – India TV Hindi
Amazon और Flipkart पर मुसीबत थमने का नाम नहीं ले रहा है। ये दोनों ई-कॉमर्स कंपनियों एक बार फिर से मुश्किलों में घिरने वाली हैं। भारतीय स्पर्धा आयोग (CCI) ने इन दोनों के खिलाफ देश के सबसे बड़े अदालत सुप्रीम कोर्ट में पिटिशन फाइल किया है। इन दोनों कंपनियों पर एंटी-कंपीटिटिव प्रैक्टिस के आरोप लगे हैं। पिछले सप्ताह CCI ने इन दोनों कंपनियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर पिटिशन दायर किया है ताकि इन कंपनियों द्वारा कथित तौर पर की जाने वाली अनफेयर प्रैक्टिस को रोका जा सके।
रिपोर्ट की मानें तो कुछ कानूनी विशेषज्ञों ने कहा कि इस मामले से सीसीआई की दो प्रमुख शक्तियों से संबंधित सवालों का समाधान होने की उम्मीद है, जिनमें एक इसकी सर्च और जब्ती शक्तियों से संबंधित है और दूसरी सीसीआई के महानिदेशक (DG) की जांच के दायरे को व्यापक बनाने की शक्ति से संबंधित है। इस मामले से कोई भी विपरीत परिणाम सीसीआई जांच में और देरी कर सकता है और अन्य मामलों के लिए एक मिसाल भी बन सकता है।
सुप्रीम कोर्ट में अपील
3 दिसंबर को कोर्ट में दायर किए गए हलफनामे के मुताबिक, सीसीआई ने इस तरह के मामले में देश के 24 अलग-अलग हाई कोर्ट में दायर मुकदमे को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने की अपील की है। इनमें दिल्ली, कर्नाटक, तेलांगाना हाईकोर्ट में चल रहे मामले शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल इस मामले के लिए किसी बेंच का सेटअप नहीं किया है।
CCI द्वारा की जाने वाली पहली जांच पर ई-कॉमर्स कंपनियों Amazon और Flipkart द्वारा दायर किए गए रिट पिटीशन की वजह से रोक लगाई गई है। ई-कॉमर्स कंपनियों पर अनफेयर प्रैक्टिस के ये मामले 2020 से पेंडिंग हैं। सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामें में CCI ने अपनी ये बात रखी है और कहा है कि मौजूदा केस में 4 साल की पहले से ही देरी हो गई है और फाइनल ऑर्डर का अभी तक इंतजार है।
क्या है मामला?
CCI ने 2020 की जनवरी में इन दोनों ई-कॉमर्स कंपनियों और अन्य एफीलिएट पार्टी के खिलाफ एंटी कंपीटिटिव प्रैक्टिस की जांच शुरू की थी। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग का कहना है कि ई-कॉमर्स कंपनियां चुनिंदा सेलर्स को प्रिफरेंस देती हैं जो इन प्लेटफॉर्म्स से क्लोजली संपर्क में रहते हैं। दिल्ली व्यापार महासंघ की अगुआई में छोटे व्यापारियों की एक लॉबी ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग में ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी।
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