BJP vs Rahul Gandhi: भाजपा का राहुल गांधी पर बड़ा हमला, देशद्रोही बताया; जॉर्ज सोरोस को लेकर भी बोला धावा
भाजपा सांसद संबित पात्रा ने एक बार फिर कांग्रेस और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को बड़ा हमला बोला। उन्होंने एक खतरनाक त्रिकोण का जिक्र करते हुए राहुल को देशद्रोही तक कह डाला। दरअसल, उन्होंने एक फ्रेंच समाचार पत्र में छपी रिपोर्ट का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि हम आज एक खतरनाक त्रिकोण के बारे में बात करने जा रहे हैं, जो भारत को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है और ऐसे मैं कह सकता हूं कि राहुल देश के सबसे बड़े गद्दार हैं।
देश के संभुप्रता का और एकता को तोड़ने की हो रही कोशिश
पात्रा ने कहा, ‘अगर सदन को छोड़कर सांसद पार्टी कार्यालय में बैठे हैं तो आप गंभीरता को समझ सकते हैं। यह मुद्दा किसी पार्टी का नहीं है, बल्कि देश के संभुप्रता का और एकता का है। हाल ही में खुलासा हुआ कि कुछ ताकतें हैं, जो देश को तोड़ना चाहती हैं। कहीं न कहीं भारत की एकता और संभुप्रता के साथ खिलवाड़ करना चाहती हैं। दो दिसंबर को एक फ्रेंच अखबार ने इसका खुलासा किया है।’
‘लोकसभा के नेता को देशद्रोही कहने में कोई हिचक नहीं’
उन्होंने यह भी कहा, ‘हम इस खतरनाक त्रिकोण के बारे में बात करने जा रहे हैं जो भारत को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है। इस त्रिकोण में एक तरफ अमेरिका में बैठे जॉर्ज सोरोस का फाउंडेशन है, अमेरिका की कुछ एजेंसियां हैं, दूसरी तरफ ओसीसीआरपी नाम का बड़ा न्यूज पोर्टल है। त्रिकोण के आखिरी और सबसे महत्वपूर्ण कोने में राहुल गांधी हैं। वह सबसे बड़े गद्दार हैं। मैं यह शब्द कहने से डरता नहीं हूं। मुझे लोकसभा के नेता को देशद्रोही कहने में कोई हिचक नहीं है।’
ओसीसीआरपी 2007 में हुई थी शुरू
उन्होंने कहा कि सवाल उठता है कि ओसीसीआरपी (ऑर्गनाइज्ड क्राइम करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट) क्या है। बता दें यह विश्व की संस्थान है, जो 2007 में शुरू हुई थी और अगर मैं इसे ग्लोबल मीडिया एजेंसी कहता हूं तो यह अतिश्योक्ति नहीं होगी। अगर यह कुछ लिखते हैं तो उससे पूरी दुनिया में अफरा-तफरी का माहौल हो जाता है। अगर इतनी बड़ी एजेंसी काम करती है तो पैसों की आवश्यकता होती है वर्ना इतने सारे कर्मचारी हैं, इतनी इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म की जाएगी तो बहुत सारे रिसोर्सेस की जरूरत है, धन की जरूरत है।’
ओसीसीआरपी तटस्थ नहीं हो सकता
उन्होंने आगे कहा, ‘ऐसे में अगर कोई मीडिया संस्थान कुछ खुलासा करता है तो वो आयाम है कि ओसीसीआरपी की जो फंडिंग है उसका एक बड़ा हिस्सा ओपन सोसाइटी फाउंडेशन है। बाकि अमेरिका की बहुत ऐसी संस्थाएं हैं, कुछ सरकारी एजेंसियां भी हैं, जो इस फंड देता है। अब ओपन सोसाइटी फाउंडेशन किसका है तो बता दें, जोर्ज सोरेस का है। सोरेस ओसीसीआरपी को बहुत पैसा देता है। ऐसे में फ्रेंच अखबार का कहना है कि अगर कोई इतना फंड दे रहा तो साफ है कि ओसीसीआरपी तटस्थ नहीं हो सकता है। वो सामान्य रह ही नहीं सकता, जो पैसा देगा उसके हित में बात करेगा। ऐसे में ओसीसीआरपी सोरेस के हित में बात करता है।’
राहुल गांधी को लेकर यह कहा
भाजपा नेता ने आगे कहा, ‘अगर हम सबसे महत्वपूर्ण कोण के बारे में बात करें तो वो राहुल गांधी है। मैं उनके बारे में कोई मजाक नहीं बनाऊंगा क्योंकि यह गंभीर मामला है। लोकसभा के विपक्षी नेता अपने ही देश के साथ गद्दारी करने की कोशिश कर रहे हैं। जब देश का नेता ही अपनी जमीन से द्रोह कर रहा हो तो स्वाभाविक रूप से यह बहुत गंभीर विषय है। मैं हवा में बात नहीं कर रहा हूं।’
उन्होंने कहा कि आप याद करिए जुलाई 2020 का समय। तब कोविड के कारण बहुत बुरा समय चल रहा था। तब पीएम मोदी की वजह से कोविड से बचाव के टीके बन पाए थे। वैक्सीन मैत्री भी चल रहा था। विदेशों से भी ऑर्डर किए गए थे। वहीं, याद करिए 1 जुलाई 2021 तब ओसीसीआरपी ने एक आर्टिकल पब्लिश किया था कि ब्राजील ने 324 मिलियन डॉलर वर्थ जो कोवैक्सीन ऑर्डर किया था, वो कैंसिल कर दिया, इससे भारत की छवि को धूमिल करने की कोशिश की गई। भारत एक अकेली ऐसी देश थी, जो वैक्सीन मैत्री कर रही थी। उसी के दूसरे दिन 2 जुलाई 2021 को कांग्रेस ने कॉन्फ्रेंस करके भारत की सरकार और कोवैक्सीन को घेरे में ले लिया। इसमें पते की बात यह है कि यह कोई नया विषय नहीं था, यह पहले ही पता था कि ब्राजील ने कैंसिल कर दिया। मगर जब ओसीसीआरपी ने छापा तो राहुल ने सरकार पर हमला बोला।
भारत की अर्थव्यवस्था को हिलाने की कोशिश की
उन्होंने आगे कहा, ‘ओसीसीआरपी ने भारत के बड़े-बड़े उद्योगपतियों के खिलाफ हमेशा लिखा है। वह ऐसे दिखाते हैं कि इन लोगों ने पता नहीं कितना घोटाला किया है। इसका मकसद यह था कि भारत की अर्थव्यवस्था को कैसे डगमगाया जाए। भारत के मार्केट में शेयर की कीमत गिराने का प्रयास किया कि शेयर गिरेंगे तो लोग देश की सरकार के खिलाफ हमला बोलेंगे। मगर बिडंवना देखिए कि जब-जब ऐसी रिपोर्ट सामने आई तब-तब राहुल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके हमला बोला।’
नेशनल हेराल्ड को लेकर भी बोले संबित
संबित पात्रा ने कहा, ’18 जुलाई 2021 को ओसीसीआरपी ने पैगस रिपोर्ट को उजागर किया। 19 जुलाई 2021 को राहुल ने कॉन्फ्रेंस कर दी। यह सब सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही किया जाता था। इससे सदन स्थगित हो जाती थी। आज भी आप देख रहे कि सदन में क्या हाल है। 26 अगस्त 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया था। जुलाई 2022 में नेशनल हेराल्ड के केस में मां-बेटे से कुछ घंटे पूछताछ चल रही थी, उसी समय ओसीसीआरपी ने लिखा था कि राहुल गांधी के खिलाफ चलाई जा रही कार्रवाई अवैध हैं। इनके पीछे राजनीतिक साजिश है। इन्हें कैसे पता कि यह गलत है। आप क्या जानते हैं इस मामले के बारे में। आप भारत की सुप्रीम कोर्ट हैं? यहां तक कि इन्होंने यह भी लिखा था कि भारत में आम जनता सड़क पर उतर आई है, अफरा-तफरी मची हुई है, जबकि ऐसा कुछ नहीं था।’
उन्होंने कहा, ‘मैं पूछता हूं कि ओसीसीआरपी राहुल गांधी के बचाव में आर्टिकल क्यों छाप रही थी। इसका कारण यह है कि जब ओसीसीआरपी के खिलाफ कोई बोलता है तो राहुल खड़े हो जाते हैं। वहीं अगर विपक्ष के नेता के खिलाफ कोई बोलता है तो ओसीसीआरपी को दर्द हो जाता है। यह दो बदन हैं मगर आत्मा एक है। सोरेस और राहुल एक ही हैं। राहुल ही सोरेस हैं। दोनों का एक ही एजेंडा है। दोनों ही भारत का अमंगल चाहते हैं।’
राहुल जो भारत तोड़ो यात्रा- जोड़ो यात्रा कर रहे…
उन्होंने कहा कि आखिरी कोण राहुल और सोरेस एक हैं इसका एक सबूत है। पहला यह सबूत है कि राहुल जो भारत तोड़ो यात्रा- जोड़ो यात्रा कर रहे थे उन्होंने सोचा कि वह सब राज्य में चुनाव जीत जाएंगे। उनकी यात्रा में शलील शेट्टी आए थे। यह सोरेस के फाउंडेशन के वाइस प्रेसिडेंट हैं। जोर्ज सोरेस का ओपन सोसाइटी फाउंडेशन है। इसी के वाइस प्रेसिडेंट हैं। इस तरह से यह दो बदन और एक आत्मा है।
‘जो भारत से करे नफरत, वो राहुल से करे प्यार’
उन्होंने आगे कहा कि पता नहीं चलता राहुल गांधी कब विदेश चले जाते हैं। उन्होंने ओसीसीआरपी के एक बांग्लादेशी पत्रकार से मुलाकात की थी। वह भारत का घोर विरोधी है। दोनों की तस्वीर देखने से पता चलता है कि जहां देश का अहित वहीं राहुल चिपक जाते हैं। जो भारत से करे नफरत, वो राहुल से करे प्यार ऐसा क्यों है?
उन्होंने आगे कहा, ‘राहुल नहीं चाहते भारत आगे बढ़े। यहां तक संसद भी नहीं चले। यह सब उनका प्रयास है। यह गांधी परिवार ऐसा परिवार है कि अगर इन्हें कुर्सी के लिए देश का बलिदान देना पड़े या बेचना पड़े, तो यह बेच देंगे। राहुल अपने फायदे के लिए मां भारत को बेच सकते हैं। मुझे दिक्कार है इनपर।