Congress: खरगे ने उठाई मतपत्रों की वापसी की मांग, कहा- जागरूकता के लिए भारत जोड़ो यात्रा की तरह चले अभियान
कांग्रेस ने एक बार फिर मतपत्रों की वापसी की मांग उठाई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को तालकटोरा स्टेडियम में कहा कि मतपत्रों की वापसी के लिए भारत जोड़ो यात्रा की तरह जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है। संविधान रक्षक अभियान कार्यक्रम के दौरान खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जातिगत जनगणना से डरते हैं। मोदी को डर है कि अगर वह जाति जनगणना कराते हैं तो समाज के सभी वर्ग अपना हिस्सा मांगेंगे।
खरगे ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एनडीए ने शानदार जीत दर्ज की है। मगर इस चुनाव का उद्यमी गौतम अदाणी से भी लेना-देना है, क्योंकि उनकी काफी संपत्ति दांव पर लगी थी। उन्होंने कहा कि सभी को एकजुट होकर आगे बढ़ना चाहिए। मैं चुनावों के बारे में बात नहीं करना चाहता, लेकिन चुनावों में सभी गरीब और उत्पीड़ित समुदायों के वोट बर्बाद हो रहे हैं। सभी को मतपत्र से मतदान की मांग करनी चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा को ईवीएम अपने पास रखने दीजिए। हमें ईवीएम नहीं चाहिए, हमें मतपत्र पर मतदान चाहिए। तब पता चलेगा कि भाजपा की स्थिति क्या है और वे कहां खड़े हैं। खरगे ने कहा कि कांग्रेस को सभी को जागरूक करने के लिए अभियान शुरू करना चाहिए। हमें मतपत्र की वापसी की मांग करनी चाहिए। इसके लिए हम अन्य राजनीतिक दलों से बात करेंगे। भारत जोड़ो यात्रा जैसा अभियान शुरू करना चाहिए।
फिर मोदी को अहमदाबाद भागना पड़ेगा
खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जाति जनगणना से डरते हैं क्योंकि तब हर कोई अपना हिस्सा मांगेगा और मोदी को अहमदाबाद भागना पड़ेगा। अगर प्रधानमंत्री देश में एकता चाहते हैं तो वे और उनकी पार्टी देश में नफरत फैलाना बंद कर दे। भाजपा के नेता कह रहे हैं कि बटेंगे तो कटेंगे, लेकिन देश को कौन बांट रहा है? यह वे लोग हैं जो नफरत फैलाकर, लोगों को गुमराह करके और धर्म के नाम पर लोगों को बांटकर देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं।
भाजपा पर संविधान को लेकर लगाए आरोप
खरगे ने भाजपा पर सांविधानिक अखंडता और संघीय चरित्र न होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा डॉ. बीआर आंबेडकर और संविधान सभा के सदस्यों की ओर से संविधान में लागू किए गए प्रावधानों को खत्म कर रही है। भाजपा संविधान की बात करती है, लेकिन जब संविधान को अपनाया गया था, तब आरएसएस ने कहा था कि यह पश्चिमी संस्कृति पर आधारित है और इसे मनुस्मृति पर आधारित होना चाहिए। जिन लोगों ने संविधान का अपमान किया है, वे इसके प्रति नकली प्रेम में लिप्त हैं। भाजपा संविधान की रक्षक नहीं, बल्कि भक्षक हैं। भाजपा संविधान को नष्ट करना चाहती है। हम एकजुट होकर भाजपा को पीछे धकेलना होगा।