Dadi-Nani Ki Baatein: तो इसलिए बैठे-बैठे पैर हिलाने से मना करती हैं दादी-नानी


Dadi-Nani Ki Baatein: दादी-नानी आज भी पुरानी मान्यताओं को फॉलो करती हैं और हमें भी इन्हें मानने को कहती हैं. ये मान्यताएं भम्र या मिथक नहीं होती बल्कि इनसे कई लाभ जुड़े होते हैं. इसलिए बड़े-बुजुर्गों की बातों का पालन करें.

दादी-नानी की बातें हमारे जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है. क्योंकि बुजुर्गों के पास ज्ञान और अनुभव का ऐसा भंडार होता है, जिससे हर समस्या का समाधान संभव है. दादी-नानी की रोक-टोक भले ही कुछ समय के लिए आपको अटपटी लगती हो, लेकिन इससे धार्मिक महत्व जुड़े होते हैं, जिसका असर घर की सुख-समृद्धि पर पड़ता है.

कुछ लोगों की आदत होती है कि वे सोफा, कुर्सी, पलंग आदि में ऊंची जगहों पर बैठे होते हैं तो लगातार पैर हिलाते रहते हैं. इस तरह पैर हिलाना उनकी आदत बन जाती है. दादी-नानी जब भी पैर हिलाते हुए देखती हैं तो तुरंत टोककर मना करती हैं. आइये धार्मिक दृष्टिकोण से जानते हैं कि आखिर दादी-नानी ऐसा क्यों कहती है.

बैठकर पैर हिलाने से क्या होता है

  • ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास बताते हैं कि, लगातार पैर हिलाने वाले लोग जाने-अनजाने में मुसीबत को निमंत्रण देते हैं. इस आदत से मां लक्ष्मी (Maa Laxmi) नाराज होती हैं और धन-संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसलिए इस आदत को धार्मिक दृष्टिकोण से अशुभ माना जाता है.
  • ज्योतिष में बताया गया है कि जो लोग बैठ या लेटकर पैर हिलाते हैं उनके कुंडली में चंद्रमा की स्थिति कमजोर होती है, जिससे जीवन में तनाव और रोग बढ़ते हैं. खासकर शाम के समय बैठकर पैर हिलाने से बचना चाहिए.
  • धर्म और ज्योतिष के साथ ही वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी पैर हिलाने की आदत को सेहत के लिए खरतनाक माना जाता है. मेडिकल साइंस में पैर हिलाने की आदत को रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम का नाम दिया गया है, जोकि एक बीमारी है. इससे हार्ट अटैक, किडनी, पार्किंसंस जैसी समस्याओं के बढ़ने का खतरा रहता है और साथ ही शरीर में आयरन की कमी होती है.  

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