Dadi-Nani Ki Baatein: खड़े होकर पानी मत पियो, क्यों कहती है दादी-नानी
Dadi-Nani Ki Baatein: पानी पीना जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है. पानी आपको हाइड्रेट रखता है और कई बीमारियों के खतरे को कम करता है. इसलिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी पर्याप्त पानी पीने की सलाह देते हैं.
लेकिन पानी पीना जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी है उसे सही तरीके से पीना. इसलिए घर के बड़े-बुजुर्ग हमेशा पानी पीने के सही तरीके बताते हैं. दादी-नानी तो अगर हमें खड़े होकर पानी पीते देख लेती हैं तो तुरंत टोककर कहती है कि पानी बैठकर आराम से पियो खड़े होकर नहीं.
क्या आपने कभी जानने की कोशिश की है कि आखिर दादी-नानी खड़े होकर पानी पीने के लिए क्यों मना करती है. खड़े होकर पानी पीना शरीर के लिए कैसे नुकसानदायक है और धार्मिक दृष्टिकोण से इसके पीछे क्या कारण बताए गए हैं या फिर यह केवल एक मिथक है.
क्या है इस्लामिक मान्यता
एक रिवायत में पैगम्बर मुहम्मद ने लोगों से कहा है कि खड़े होकर पानी न पिएं. इस हदीस की व्याख्या में दो राय हैं. कुछ विद्वान इस हदीस को शाब्दिक रूप से लेते हैं और कहते हैं कि खड़े होकर पानी पीना हराम है.
इस्लाम के अनुसार जब भी पानी या कोई भी चीज पिएं तो इत्मीनान के साथ बैठ कर पिएं. लेकिन सिवाय आबे जमजम और वजू का बचा हुआ पानी ही खड़े होकर पीना दुरुस्त माना गया है. इसके साथ ही इस्लाम में यह भी कहा गया है कि पानी हमेशा दाहिने हाथ से ही पीना चाहिए.
क्या कहता है विज्ञान
स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी यह मानते हैं कि पानी खड़े होकर नहीं पीना चाहिए (Drinking Water Mistake). खड़े होकर पानी पीने से प्यास पूरी तरह नहीं बुझती और हानिकारक टॉक्सिस शरीर से बाहर नहीं निकल पाते हैं और ना ही पानी के जरूर पोषक तत्व या विटामिन्स शरीर के अन्य हिस्सों तक पहुंच पाते हैं.
यह बताया जाता है कि खड़े होकर पानी पीने के दौरान पानी बहुत तेजी से शरीर में जाता है और इस कारण फेफड़े और दिल को भी प्रभावित कर सकता है. इन्हीं वजह से बैठकर आराम से पानी पीने की सलाह दी जाती है. पानी पीने के साथ ही यही बात भोजन करने पर भी लागू होती है.
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