GK: गणित में X का इतना महत्व क्यों है, वेरिएबल के तौर पर क्यों होता है प्रयोग? जान लीजिए असल वजह!


मैथ्स एक ऐसा विषय है, जिसके बारे में हर चौथा व्यक्ति यही बोलेगा कि उसे डर लगता है. बहुत कम लोग ऐसे होंगे जिन्हें मैथ्स से प्यार होगा. वैसे डर लगना लाजमी है, अब देखिए न, संख्याओं के बीच में जब अंग्रेजी के अक्षर आ जाएं, तो डर और कन्फ्यूजन होना तो तय है. आपने गौर किया होगा कि गणित में अक्सर X अक्षर का खूब प्रयोग होता है. X को ही वेरिएबल (Why X used as variable) माना जाता है. क्या आप इसका कारण जानते हैं? चलिए आपको बताते हैं.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कोरा पर अक्सर लोग अजब-गजब सवालों के जवाब पूछते हैं. हाल ही में किसी ने पूछा- “गणित में ‘X’ को ही क्यों मानते हैं?” सवाल काफी रोचक है, क्योंकि आपने भी ये नोटिस किया होगा कि मैथ्स (X as variable in Maths) में अक्सर X का प्रयोग होता है. सीधे तौर पर इस सवाल का जवाब देने से पहले आपको समझा देते हैं कि गणित की एक विधा, अल्जेब्रा की शुरुआत कैसे और कहां से हुई. अल्जेब्रा को अरब देशों में शुरू किया गया.

X के इस्तेमाल का कारण समझने के लिए अल्जेब्रा का इतिहास समझना जरूरी है. (फोटो: Canva)

कहां हुई अल्जब्रा की शुरुआत?
माना जाता है कि 750 से 1258 का जो वक्त था, उसे इस्लामी सभ्यता का स्वर्ण युग. इसी दौरान मिडिल ईस्ट में अल्जेब्रा का आविष्कार हुआ. 9वीं सदी में मुहम्मद अल ख्वारिजमी ने ‘किताब-अल-जब्र-वल-मुकाबला’ लिखी थी. बाद में ‘अल-जब्र’ को ‘अल्जेब्रा’ कहा जाने लगा. जब इस्लाम को मानने वालों ने इस किताब का प्रचार-प्रसार यूरोप में किया तब स्पैनिश स्कॉलर अरबी भाषा के कई शब्द नहीं बोल पाए.

इस वजह से X को मानते हैं वेरिएबल
‘टुडे आय फाउंड आउट’ वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक ‘टेड टॉक’ शो में ‘द रेडियस फाउंडेशन’ के निदेशक टेरी मोर ने इस विषय पर ज्यादा जानकारी दी थी. उन्होंने बताया कि स्पैनिश भाषा में अरबी साउंड ‘श’ नहीं है जो ‘शीन’ अक्षर का साउंड है. ऐसे में वो लोग इसे बोल ही नहीं पाते थे. अरबी में अंजान वेरिएबल को ‘अल-शलन’ कहा जाता था. इस वजह से उन्होंने इस साउंड को ग्रीक के ‘काय’ (Chi) अक्षर में बदल दिया जो ग्रीक का 22वां अक्षर है और उसे ‘X’ लिखते हैं. उसे बोलते Chi हैं और लिखते X हैं. बाद में इसे सीधे तौर पर लैटिन के X में बदल दिया गया जो आज भी अंग्रेजी के X के तौर पर जाना जाता है. X से जुड़ी ये थ्योरी काफी फेमस है और पीएचडी स्कॉलर भी इसका जिक्र करते हैं पर इस थ्योरी से जुड़ा कोई ठोस सबूत नहीं है. न ही इसके बारे में कहीं लिखा है. ऐसे में न्यूज18 हिन्दी इसके सही होने का दावा नहीं करता.

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