Kerala: पुलिसकर्मी ने गोली मारकर आत्महत्या की, छुट्टी न मिलने से परेशान था; यूडीएफ ने कहा- उच्च स्तरीय जांच हो



मलप्पुरम में पुलिसकर्मी ने की आत्महत्या
– फोटो : अमर उजाला

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केरल के मलप्पुरम जिले में 36 वर्षीय एक पुलिसकर्मी ने कथित तौर पर अपनी सर्विस गन से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। उसका शव रविवार को क्वार्टर के बाथरूम में मिला। मृतक की पहचान वायनाड जिले के मूल निवासी विनीत के रूप में हुई है। वह मलप्पुरम में थंडरबोल्ड कमांडों के रूप में कार्यरत था और वर्तमान में स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी) का हिस्सा था। थंडरबोल्ट बल माओवादी विरोधी तलाशी अभियान में लगा हुआ है। बताया जा रहा है कि विनीत बार-बार अनुरोध के बाद भी छुट्टी न मिलने से परेशान था। हालांकि, पुलिस ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है। इस बीच, विपक्षी कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) ने घटना को बेहद दर्दनाक बताते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। 

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पुलिस के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि विनीत अपने क्वार्टर के बाथरूम में मृत पाया गया, उसने खुद को गोली मार ली थी। घटना के पीछे का कारण अभी पता नहीं चला है। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए नजदीकी सरकारी अस्पताल में भेज दिया है और जांच प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। 

वरिष्ठों द्वारा मानसिक उत्पीड़न का आरोप

इस बीच, विपक्ष के नेता वीडी सतीसन ने कहा कि यह आरोप लगाया गया है कि विनीत ने अपने वरिष्ठों द्वारा मानसिक उत्पीड़न के कारण आत्महत्या की है। उन्होंने कहा कि इस मामले के संबंध में कथित तौर पर विनीत द्वारा भेजे गए संदेश मीडिया में सामने आए हैं।

गर्भवती पत्नी को अस्पताल ले जाने के लिए मांगी थी छुट्टी

सतीसन ने विनीत के सहकर्मियों के बयानों का हवाला देते हुए कहा कि छुट्टी से इनकार करना इस घटना का कारण बना। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विनीत ने अपनी गर्भवती पत्नी को अस्पताल ले जाने के लिए छुट्टी के लिए तीन बार आवेदन किया था, लेकिन उसके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया, जो अमानवीय था। 

पुलिस में आत्महत्या एक दैनिक घटना बन गई है: सतीसन

सतीसन ने कहा, ‘राज्य पुलिस बल में आत्महत्या एक दैनिक घटना बन गई है, जो समाज में कानून और न्याय को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है।’ उन्होंने आरोप लगाया कि हालांकि विपक्ष ने विधानसभा में पुलिस कर्मियों के बीच अत्यधिक काम के बोझ और मानसिक तनाव का मुद्दा उठाया था, लेकिन सरकार ने कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की।

राज्य सरकार से आत्महत्या रोकने के लिए कारगर उपाय की अपील

सतीसन ने कहा, ‘सरकार को अधिकारी की आत्महत्या की उच्च स्तरीय जांच करानी चाहिए और जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए।’ उन्होंने राज्य सरकार से पुलिस कर्मियों के बीच आत्महत्या को रोकने के लिए कारगर उपाय लागू करने का भी आग्रह किया।



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