Manipur: जातीय हिंसा के मद्देनजर केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, मणिपुर के छह थाना क्षेत्रों में फिर से AFSPA लागू



सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : ANI

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केंद्र सरकार ने मणिपुर के छह थाना क्षेत्रों में फिर से सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (अफस्पा) लागू कर दिया है। इस अधिनियम के तहत किसी क्षेत्र को ‘अशांत’ घोषित किया जाता है, जिससे सुरक्षा बलों को वहां प्रभावी रूप से कार्रवाई करने में सुविधा मिलती है। इन क्षेत्रों में जिरिबाम भी शामिल है, जहां हाल ही में हिंसा हुई थी। 

इन छह थाना क्षेत्रों दोबारा अफस्पा लागू

केंद्रीय गृह मंत्रालय की एक अधिसूचना में कहा गया कि यह फैसला मणिपुर में जारी जातीय हिंसा और अस्थिर स्थिति को देखते हुए लिया गया है। अफस्पा को जिन क्षेत्रों में फिर से लागू किया गया है, उनमें इंफाल पश्चिम जिले के सेकमई और लमसांग; इंफाल पूर्व जिले का लमसाई, जिरिबाम जिले का जिरिबाम; कांगपोकपी जिले का लेइमाखोंग; बिष्णुपुर जिले का मोइरंग क्षेत्र शामिल हैं। 

मणिपुर सरकार ने 19 थाना क्षेत्रों को अफस्पा से बाहर रखा था

मणिपुर सरकार ने एक अक्तूबर को राज्य के अधिकांश हिस्सों में अफस्पा लागू कर दिया था। हालांकि, उस समय 19 थाना क्षेत्रों को इससे बाहर रखा गया था, जिनमें ये छह थाना क्षेत्र भी शामिल थे। इसके बाद गृह मंत्रालय ने नई अधिसूचना में इन छह थाना क्षेत्रों को भी शामिल किया है। जिन 19 थाना क्षेत्रों को अफस्पा से बाहर  रखा गया था, उनमें इंफाल, लंफाल, सिटी, सिंजामेई, सेकमई, लमसांग, पटसोई, वांगोई, पोरोमपट, हेइंगंग, लमलाई, इरिलबुंग, लेइमाखोंग, थौबल, बिष्णुपुर, नामबोल, मोइरांग, ककचिंग और जिरिबाम शामिल थे।  

सुरक्षा बलों ने मार गिराए 11 संदिग्ध उग्रवादी

मणिपुर में जातीय हिंसा शुरू होने के बाद से स्थिति गंभीर बनी हुई है। पिछले सोमवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 11 संदिग्ध उग्रवादी मारे गए। इन उग्रवादियों ने काले कपड़ने पहने हुए थे और अत्याधुनिक हथियारों से लैस थे। उन्होंने जिरिबाम जिले के एक थाने और एक सीआरपीएफ शिविर पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी। इसके एक दिन बाद उग्रवादियों ने जिरिबाम जिले के छह नागरिकों का अपहरण किया, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। 

मई 2023 में शुरु हुई थी हिंसा, मारे जा चुके 200 से ज्यादा लोग

राज्य में मई 2023 में जातीय हिंसा शुरू होने के बाद से अब तक 200 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और हजारों बेघर हो चुके हैं। हिंसा इंफाल घाटी में रहने वाले मेइती समुदाय और आसपास के पहाड़ी इलाकों में रहने वाले कुकी-जो समुदाय के बीच शुरू हुई थी। जिरिबाम जिला शुरू में इस संघर्ष से प्रभावित नहीं था। लेकिन जून 2024 में एक किसान का शव मिलने के बाद इस जिले में भी हिंसक झड़पें शुरू हुईं। 

छात्रों ने छह लोगों के अपहरण के खिलाफ मानव श्रृंखला बनाई

जिरिबाम जिले में उग्रवादियों द्वारा तीन महिलाओं और तीन बच्चों के कथित अपहरण के खिलाफ इंफाल घांटी के विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों ने मंगलवार को मानव श्रृंखला बनाई और अपना विरोध जताया। छात्रों ने काले झंडे और काले बैज पहने हुए थे। उन्होंने ‘आज बच्चों का दिन है’, ‘निर्दोष बच्चों को छोड़ो’, ‘हमारे दोस्तों को रिहा करो’ जैसे नारे लिखी हुई तख्तियों को पकड़ा हुआ था। इस विरोध प्रदर्शन का आयोजन कोकोमी स्टुडेंट फ्रंट ने किया था, जो कि मणिपुर में मैतई समुदाय का एक संगठन है। 

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