Navratri 2025 Date Calendar: नवरात्रि 2025 में कब-कब है, जानें डेट


Navratri 2025 Date List: नवरात्रि का त्योहार मां दुर्गा के 9 स्वरूपों को समर्पित है. सनातन धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व होता है. हर साल चार बार नवरात्रि पड़ती है, जिसमें से दो गुप्त नवरात्रि होती है.

चैत्र माह में पड़ने वाली चैत्र नवरात्रि और दूसरी आश्विन मास में पड़ने वाली शारदीय नवरात्रि होती है. गुप्त नवरात्रि माघ और आषाढ़ महीने में आती है. गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्या की पूजा का विधान है. अगले साल 2025 में नवरात्रि कब-कब है, यहां जानें गुप्त, चैत्र, शारदीय नवपात्रि 2025 की डेट, कैलेंडर.

चैत्र नवरात्रि 2025 – 30 मार्च से 7 अप्रैल

चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि शुरू होती है और इसका समापन राम नवमी के दिन होता है. चैत्र नवरात्रि को आध्‍यात्मिक इच्छाओं की पूर्ति, सिद्धि, मोक्ष हेतु मनाया जाता है. इसे वसंत नवरात्रि भी कहा जाता है क्योंकि ये वसंत ऋतु में आती है. चैत्र नवरात्रि से हिंदू नववर्ष की शुरूआत होती है.

चैत्र और शारदीय नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना कर मां दुर्गा का आव्हान किया जाता है 9 दिन माता के 9 स्वरूपों की पूजा होती है.

चैत्र नवरात्रि 2025 घटस्थापना मुहूर्त (Chaitra Navratri 2024 Ghatsthapana Muhurat)

  • कलश स्थापना मुहूर्त – सुबह 06.13 – सुबह 10.22 (30 मार्च)
  • घटस्थापना अभिजित मुहूर्त – दोपहर 12.10 – दोपहर 12.50

शारदीय नवरात्रि 2025 – 22 सितंबर से 2 अक्टूबर

शारदीय नवरात्रि सभी नवरात्रियों में सबसे अधिक लोकप्रिय एवं महत्वपूर्ण नवरात्रि है. शारदीय नवरात्रि को सांसारिक इच्छाओं की पूर्ति हेतु मनाया जाता है. शारदीय नवरात्रि को अश्विन नवरात्रि और महा नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है. शारदीय नवरात्रि के इस नौ दिवसीय उत्सव का समापन दसवें दिन दशहरा को होता है, जिसे विजयादशमी भी कहते हैं. शारदीय नवरात्रि के दौरान सन्धि पूजा, दुर्गा पूजा अधिक लोकप्रिय हैं.

शारदीय नवरात्रि 2025 घटस्थापना मुहूर्त (Shardiya Navratri 2024 Ghatsthapana Muhurat)

  • कलश स्थापना मुहूर्त – सुबह 06.09 – सुबह 08.06 (22 सितंबर)
  • घटस्थापना अभिजित मुहूर्त – सुबह 11.49 – दोपहर 12.38

मां दुर्गा की सवारी

देवी भागवत पुराण के अनुसार, नवरात्रि के दौरान माता रानी धरती पर वास करती हैं. इस दौरान वह किसी न किसी वाहन पर सवार होकर पृथ्वी लोग आती हैं, और वापसी भी कुछ इसी तरह करती हैं.

शशि सूर्य गजरुढा शनिभौमै तुरंगमे।गुरौशुक्रेच दोलायां बुधे नौकाप्रकीर्तिता॥

इस श्लोक के अनुसार, वार के अनुसार देवी माता के आगमन और प्रस्थान के वाहन को निर्णारित किया जाता है.

  • सोमवार या रविवार को नवरात्री की शुरुआत होती है, तो माता हाथी पर आती है
  • मंगलवार या शनिवार को घोड़े पर आती हैं.
  • गुरुवार और शुक्रवार को डोली या पालकी पर आती हैं
  • बुधवार के दिन माता नौका पर सवार होकर आती हैं.

नवरात्रि 2025 माता की सवारी (Navratri 2025 Mata ki Sawari)

  • चैत्र नवरात्रि – हाथी
  • शारदीय नवरात्रि – हाथी

गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri 2025)

गुप्त नवरात्रि को गुप्त साधना और विद्याओं की सिद्धि के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. मां दुर्गा को उपासक 9 दिन तक गुप्त तरीके से शक्ति साधना व तंत्र सिद्धि करते हैं.मान्यता है कि इस नवरात्रि में देवी साधना से शीघ्र प्रसन्न् होती हैं और मनोवांछित फल प्रदान करती हैं. जितनी अधिक गोपनीयता इस साधना की होगी उसका फल भी उतनी ही जल्दी मिलेगा.

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