Siyaram Baba Passes Away: सियाराम बाबा का निधन, 12 साल रहे थे मौन


Siyaram Baba Passes Away: निमांत के मशहूर संत सियाराम बाबा ने आज बुधवार 11 दिसंबर 2024 को आखिरी सांस ली. उन्होंने मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi) और गीता जयंती (Gita Jayanti) के दिन सुबह 06 बजकर 10 मिनट पर भट्टयान बज़ुर्ग स्थित आश्रम में अपने प्राण त्यागे.

बताया जा रहा है कि संत सियाराम बाबा पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे. उन्हें निमोनिया था. अस्पताल में इलाज कराने के बाद उन्होंने आश्रम आने का निर्णय किया था, जहां डॉक्टरों द्वारा उनका इलाज चल रहा था. लेकिन इलाज के दौरान ही आज सुबह उनके निधन की खबर सामने आई. खबरों के अनुसार आज शाम में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

मोक्ष दिलाती है मोक्षदा एकादशी

मोक्षदा एकादशी के दिन आज संत सियाराम बाबा ने अपने प्राण त्यागे, जिसके बाद ऐसा कहा जा रहा है कि सियाराम बाबा को प्रभु के चरणों में स्थान मिला है. हिंदू धर्म के अनुसार मार्गशीर्ष के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्ष प्रदान करने वाली एकादशी कहा जाता है. साथ ही इस एकादशी के प्रभाव से व्यक्ति को जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति मिलती है. इस एकादशी के प्रभाव से ही राजा वैखानस ने अपने मितृ पिता को नरक की यातनाओं से मुक्ति दिलाकर उनका उद्धार किया था.

सियाराम बाबा से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

  • सियाराम बाबा को भक्त चमत्कारी भी मानते थे. वे हर मौसम में केवल एक लंगोट पहनकर रहते हैं. कहा जाता है कि उन्होंने 10 वर्षों तक खड़े रहकर तपस्या की थी.
  • सियाराम बाबा ने 12 वर्षों तक मौन रहकर साधना की थी और जब उन्होंने मौन तोड़ा तो उनका पहला शब्द था ‘सियाराम’, जिसके बाद भक्त उन्हें इसी नाम से पुकारने लगे.
  • सियाराम बाबा को लेकर कहा जाता है वे 21 घंटों तक लगातार रामायण (Ramayan) का पाठ करते थे और पूरी ऊर्जा के साथ रामायण की चौपाईंया पढ़ते थे.
  • बाबा के भक्त और श्रद्धालु जब उनसे मिलने आते थे तो दान देना चाहते थे. लेकिन बाबा अपने भक्तों से सिर्फ 10 रुपये दान स्वरूप लिया करते थे और इस धनराशि को भी वे मंदिर आदि कार्यों के लिए दान दे देते थे.

ये भी पढ़ें: Mokshada Ekadashi 2024: दिसंबर की पहली एकादशी आज, सनातन धर्म में क्या है इसका धार्मिक महत्व

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें. 



Source link

Thank you for your time.
signature
Tags

What do you think?

Your email address will not be published. Required fields are marked *

No Comments Yet.