STD, ISD और PCO का क्या है फुलफॉर्म, एक दूसरे से कैसे थे अलग? इस्तेमाल किया होगा पर फर्क नहीं जानते होंगे!
याद करिए वो दौर जब मोबाइल फोन नहीं थे, अगर थे भी तो शहर में सबसे अमीर और रसूखदार लोगों के पास. तब बाहर किसी और से बात करने के लिये लैंडलाइन फोन्स ही एक मात्र साधन थे. अब जिनके घर में वो फोन्स होते थे, उनको तो सुविधा होती थी, मगर जिनके पास कनेक्शन नहीं होता था, उन्हें पास के पीसीओ बूथ पर जाकर बात करनी पड़ती थी. 1 रुपये का सिक्का डालकर या तो फोन से बात होती थी, या फिर बात हो जाने के बाद बिल चुकाना पड़ता था. अधिकतर लोगों ने उनका प्रयोग किया होगा. उन दुकानों पर पीसीओ के अलावा एसटीडी और आईएसडी (What is STD, ISD and PCO) सेवाओं के बारे में भी लिखा रहता था. क्या आप इन तीनों का फुलफॉर्म और तीनों में फर्क जानते हैं?
क्या होता है आईएसडी?
जनरल नॉलेज से जुड़ी वेबसाइट ब्रेनली पर किसी ने ये सवाल किया जिसका उत्तर दिया गया है. उसी के आधार पर हम आपको इसका जवाब दे रहे हैं. आज के समय में अंतरराष्ट्रीय कॉल लगाना बेहद आसान है, आप व्हॉट्सएप या अन्य ऐप्स के जरिए ऑडियो और वीडियो कॉल कर सकते हैं. पर पुराने समय में लोगों को अंतरराष्ट्रीय कॉल लगाने के लिए आईएसडी कॉल करनी पड़ती थी. ISD का अर्थ होता है अंतरराष्ट्रीय सब्सक्राइबर डायलिंग (International Subscriber Dialing). हर देश का अपना आईएसडी कोड होता है. भारत का कोड है +91. बिना किसी ऑपरेटर के आप आईएसडी कॉल लगा सकते हैं, आपको पहले उस देश का आईएसडी कोड और उसके बाद फिर नंबर मिलाना पड़ता है.
मोबाइल फोन आने के बाद पब्लिक कॉलिंग के बूथ खत्म हो गए. (फोटो: Reddit)
क्या होता है पीसीओ?
पीसीओ भी पब्लिक कॉलिंग (Public Call Office) की एक सेवा थी जो अब खत्म हो गई है क्योंकि अब हर किसी को पास फोन आ गया है. पीसीओ का फुलफॉर्म है पब्लिक कॉल ऑफिस. ये देशभर में जो टेलीफोन बूथ हुआ करते थे, उन्हें दर्शाता है. पीसीओ या तो सिक्कों से चलते थे या मैनुअल होते थे. आसान शब्दों में उन टेलीफोन बूथ को पीसीओ बोलते थे, जिससे जनता कॉल कर पाती थी.
क्या होता है एसटीडी?
एसटीडी की बात करें तो इसका फुलफॉर्म था सब्सक्राइबर ट्रंक डायलिंग (Subscriber Trunk Dialing). ये वो कॉलिंग सुविधा थी जो उन दो लोगों के बीच होती थी, जो देश के अलग-अलग हिस्सों में मौजूद होते हैं. लोगों को दूसरे शहर के एसटीडी कोड मिलाने पड़ते हैं और सीधे कॉल लग जाता है. बीच में किसी ऑपरेटर की जरूरत नहीं पड़ती.
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FIRST PUBLISHED : November 10, 2024, 07:31 IST