UK: चीनी जासूस के पूर्व प्रधानमंत्रियों और शाही परिवार से संबंध? ब्रिटेन में मची खलबली



जासूस (सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : Adobe Stock

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ब्रिटेन में चीन के एक कथित जासूस का मामला इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। इस जासूस ने कथित तौर पर प्रिंस एंड्रयू (किंग चार्ल्स तृतीय के छोटे भाई) से करीबी संबंध बनाए और बकिंघम पैलेस में प्रवेश किया। अब खुलासा हुआ है कि उसने पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरन और थेरेसा मे से भी मुलाकात की थी। कानूनी वजह इस व्यक्ति को सांकेतिक एच6 नाम दिया गया है। 

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इस मामले की जांच कर रहे एक एक जज ने कहा था कि एच6 नामक व्यक्ति को प्रिंस एड्रयू पर अलग तरह का भरोसा था। हालांकि, कैमरन और थेरेसा ने इस मामले को लेकर कहा कि उन्हें इस शख्स के जासूसी करने के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। इससे पहले, प्रिंस एंड्रयू ने एक बयान में कहा था कि उन्होंने इस कथित जासूस से सभी संपर्क खत्म कर दिए हैं। 

कैमरन के करीबी सूत्रों ने ‘स्काई न्यूज’ को बताया, डेविड कैमरन ने एक दशक से अधिक समय तक कंजर्वेटिव पार्टी के नेता और छह वर्षों तक प्रधानमंत्री के रूप में हजारों लोगों से मुलाकात की थी। इस शख्स के बारे में हमें और कोई जानकारी नहीं है। वहीं, थेरेसा मे के प्रवक्ता ने भी कहा कि उन्हें इस शख्स के साथ की फोटो के बारे में कुछ भी याद नहीं है। फोटो कब और कहां ली गई, यह भी याद नहीं है।  

इस हफ्ते यह खुलासा हुआ कि एच6 को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे के कारण ब्रिटेन में प्रवेश से रोका गया था। एक विशेष आप्रवासन आयोग (एसआईएसी) ने जुलाई में हुई सुनवाई के दौरान यह जानकारी दी कि इस व्यक्ति को 2020 में प्रिंस एंड्रयू के जन्मदिन की पार्टी में आमंत्रित किया गया था। वहां उसे एक शाही सहायक ने बताया कि वह प्रिंस एंड्रयू की ओर से चीन से आने वाले निवेशकों से मिले। एंड्रयू के प्रतिनिधि के रूप में काम करे। 

एसआईएसी के मुताबिक, एच6 को 2023 में ब्रिटेन में प्रवेश से इसलिए रोका गया था क्योंकि वह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा था। उस पर यह आरोप लगा था कि वह चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के लिए गोपनीय और धोखाधड़ी की गतिविधियों में था। हालांकि, एच6 ने इन आरोपों को खारिज किया और अदालत में अपील की। लेकिन अदालत ने उसकी याचिका को खारिज किया और अपना फैसला सुनाया। 

 

प्रिंस एंड्रूय के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि एंड्रूय ने इस शख्स से आधिकारिक चैनलों के जरिए मुलाकात की थी और कभी भी संवेदनशील मामलों पर चर्चा नहीं की। 

वहीं, ब्रिटेन में चीन के दूतावास ने जासूसी के आरोपों को खारिज किया। एक प्रवक्ता ने कहा, कुछ लोग हमेशा चीन के खिलाफ बेबुनिया जासूसी की कहानियां बनाने में लगे रहते हैं। उनका मकसद चीन को बदनाम करना और चीन व ब्रिटेन के अधिकारियों के बीच सामान्य व्यापार को बाधित करना है। 



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