जगजीत सिंह डल्लेवाल की बिगड़ी हालत, 17वें दिन भी आमरण अनशन जारी, PM मोदी को लिखा पत्र – India TV Hindi


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जगजीत सिंह डल्लेवाल (दाएं से दूसरे) सरवन सिंह पंडेर और अन्य के साथ

पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन गुरुवार को 17वें दिन में प्रवेश कर गया। डल्लेवाल 26 नवंबर से खनौरी सीमा पर अनशन पर बैठे हैं। केंद्र सरकार से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानूनी गारंटी सहित किसानों की अन्य मांगों को स्वीकार करने की मांग कर रहे हैं। डल्लेवाल ने इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भी लिखा, जिसमें उन्होंने कहा कि हर किसान के लिए MSP सुनिश्चित करना जीने का मौलिक अधिकार जैसा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका आंदोलन केवल एमएसपी के लिए नहीं, बल्कि पंजाब के भविष्य और प्रदेश के पानी को बचाने की लड़ाई है।

अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह

चिकित्सकों की रिपोर्ट के अनुसार, डल्लेवाल की हालत बिगड़ रही है और उन्हें जल्द अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह दी गई है। चिकित्सकों का कहना है कि लंबे समय से चल रहे अनशन के कारण डल्लेवाल की शारीरिक स्थिति कमजोर हो गई है। हालांकि, डल्लेवाल ने अपनी लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया और कहा कि जब तक सरकार किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं करती, वह अनशन नहीं तोड़ेंगे। इस बीच, संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत और हरिंदर सिंह लखोवाल शुक्रवार को डल्लेवाल से मिलने खनौरी सीमा जाएंगे।

केंद्र सरकार से पंजाब विधानसभा अध्यक्ष की अपील

पंजाब विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवान ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह किसानों के साथ सार्थक बातचीत शुरू करे, ताकि उनके महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान किया जा सके। संधवान ने डल्लेवाल के स्वास्थ्य पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “कैंसर के मरीज होने के बावजूद डल्लेवाल ने आमरण अनशन जारी रखा है, जो बेहद चिंताजनक है।”

पत्र में केंद्र सरकार से किसान नेता की मांग

डल्लेवाल ने अपने पत्र में केंद्र सरकार से स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के आधार पर “सी2 प्लस 50%” के फार्मूला को लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा, “2020-21 में किसानों के आंदोलन के बाद सरकार ने कई वादे किए थे, जिनमें से कोई भी पूरा नहीं हुआ। एमएसपी पर कानून न बनाकर केंद्र सरकार करोड़ों किसानों को गरीबी और कर्ज की ओर धकेल रही है।” डल्लेवाल ने पत्र में लिखा, “मैंने किसानों की मौत को रोकने के लिए अपने प्राणों की आहुति देने का फैसला किया है। मुझे उम्मीद है कि मेरे मरने के बाद केंद्र सरकार जागेगी और हमारी 13 मांगों को पूरा करने की दिशा में कदम उठाएगी।”

बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू व खनौरी सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले हुए हैं, जब दिल्ली की ओर उनके मार्च को सुरक्षा बलों ने रोक दिया था। (भाषा)

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